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सिद्धिविनायक मंदिर ने ड्रेस कोड लागू कर अच्छा किया: मनीषा कायंदे

Siddhivinayak Temple did good by implementing dress code: Manisha Kayande

सिद्धिविनायक मंदिर द्वारा ड्रेस कोड लागू करने के फैसले को शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने सही बताया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जैसे हम किसी पार्टी में जाते हैं तो पार्टी ड्रेस कोड का पालन करते हैं ठीक उसी तरह धार्मिक स्थान पर जाते वक्त हमें ड्रेस कोड का ध्यान रखना चाहिए।

शिवसेना नेता ने कहा, “हमारे देश भर के विभिन्न मंदिरों में लंबे समय से ड्रेस कोड लागू है। यदि आप किसी दक्षिण भारतीय मंदिर में जाते हैं, तो वहां ये नियम लोग फॉलो करते हैं। ऐसा अभी नहीं हुआ है, बल्कि पिछले 50 वर्षों से ड्रेस कोड का पालन किया जा रहा है। इसी तरह, मंदिरों और यहां तक कि मस्जिदों सहित कई स्थानों पर ड्रेस कोड का पालन किया जाता है।”

कायंदे ने आधुनिक युग में कुछ नियमों का पालन करने की वकालत करते हुए आगे कहा, “जैसे-जैसे आधुनिकीकरण और वैश्वीकरण की ओर हम लोग बढ़ रहे हैं, तो लोगों के दृष्टिकोण में बदलाव देखने को मिल रहा है। वे अब ड्रेस कोड का पालन नहीं करते हैं। जिस तरह से हम किसी पार्टी में जाते हैं, तो पार्टी ड्रेस कोड का पालन करते हैं, इसी तरह जब हम किसी भी धार्मिक स्थान पर जाते हैं, तो हमें ड्रेस कोड का ध्यान रखना चाहिए। मंदिर पवित्र स्थान है, स्वाभाविक रूप से वहां कुछ ड्रेस कोड होना चाहिए।”

महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे के बुर्के पर दिए गए बयान का कायंदे ने समर्थन किया। उन्होंने कहा, “किसी की पहचान उसके आधार कार्ड-वोटर कार्ड से मिलाने के लिए चेहरा देखना जरूरी होता है। इस दौरान जब बुर्का होता है, तो मुश्किल आती है। मैं समझती हूं कि नितेश राणे ने जो बयान दिया है, वह ठीक है, मैं समर्थन करती हूं।”

नितेश राणे ने 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा के दौरान पाबंदी को लेकर बयान दिया है, जिसके बाद से महाराष्ट्र की सियासत तेज हो गई है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल और राहुल गांधी के बीच आरोप-प्रत्यारोप पर उन्होंने कहा, “मैं पहले ही कह चुकी हूं कि इंडिया ब्लॉक गठबंधन टूट चुका है, सिर्फ इसकी घोषणा होना बाकी है। ये लोग स्वार्थ के कारण एक दूसरे से जुड़े हुए थे।”

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