सिख संगठनों ने अभिनेत्री व मंडी सांसद कंगना रनौत की आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी’ की पृष्ठभूमि में जरनैल सिंह भिंडरावाले के खिलाफ दिए गए ताजा बयान का संज्ञान लिया है।
अकाल तख्त, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) ने कंगना द्वारा विकृत सामग्री के माध्यम से सिख समुदाय के चरित्र हनन के बार-बार किए गए प्रयासों की निंदा की।
मीडिया से बातचीत के दौरान कंगना ने अपनी फिल्म की देरी के कारणों पर चर्चा की और कहा कि कुछ लोग भिंडरावाले को एक संत, क्रांतिकारी या नेता के रूप में देखते हैं और चार इतिहासकारों की देखरेख में बनी फिल्म की स्क्रिप्ट पर आपत्ति जताते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि पंजाब के 99 प्रतिशत लोग भिंडरावाले को संत मानते हैं। वह एक आतंकवादी था… मंदिर में एके-47 लेकर बैठा था।”
डीएसजीएमसी के प्रमुख हरमीत सिंह कालका ने कहा, “हमने भाजपा आलाकमान से संपर्क किया है कि उन्हें सिखों के खिलाफ नफरत फैलाने से रोका जाए। वह बार-बार सिखों को निशाना बना रही हैं, चाहे वह कृषि विरोध पर उनका बयान हो, चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर हुई घटना हो या दमदमी टकसाल के प्रमुख ‘संत’ भिंडरावाले के बारे में गलत बयानबाजी हो। अगर वह नफरत फैलाने वाले भाषण देना जारी रखती हैं, तो हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।”
अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने “इमरजेंसी” को “सिख विरोधी फिल्म” के रूप में लिया और इसकी रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में आपातकाल की घोषणा पर आधारित है। फिल्म का ट्रेलर 14 अगस्त को जारी किया गया था और इसे 6 सितंबर को रिलीज किया जाना था, लेकिन आपत्तियों के बाद इसे रोक दिया गया है।
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