रोहतक, 6 जून रोहतक लोकसभा क्षेत्र में शर्मनाक हार ने भाजपा के राज्य नेतृत्व को इसके पीछे संभावित कारणों पर विचार करने पर मजबूर कर दिया है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में पार्टी के प्रति “खामोश” मतदाताओं की उदासीनता ने कथित तौर पर उसे स्तब्ध कर दिया है।
शहरी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में “खामोश” मतदाता, विशेष रूप से गैर-जाट, कांग्रेस की ओर चले गए, जिससे कांग्रेस को लगभग 3.45 लाख मतों के अंतर से जीत हासिल करने में मदद मिली।
एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, “रोहतक में भाजपा की हार के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। बेरोजगारी, महंगाई और अग्निपथ योजना जैसे राष्ट्रीय मुद्दों के अलावा, शहरी लोग पीने योग्य पानी की कमी, अनियमित बिजली आपूर्ति, परिवार और संपत्ति पहचान पत्र में खामियां, सामाजिक सुरक्षा पेंशन रोके जाने आदि को लेकर भाजपा सरकार से नाराज हैं।”
उन्होंने कहा, “दीपेंद्र की साफ-सुथरी छवि, विनम्र स्वभाव और 2005 से 2014 तक हुड्डा शासन के दौरान सांसद के रूप में उनके उल्लेखनीय प्रदर्शन ने उन्हें विभिन्न वर्गों से वोट दिलाने में मदद की। भारी जीत इस बात का सबूत है कि वह सभी समुदायों से वोट हासिल करने में कामयाब रहे।” रोहतक लोकसभा सीट के लिए भाजपा के प्रभारी अशोक खुराना ने माना कि “खामोश” मतदाताओं के एक बड़े वर्ग का कांग्रेस की ओर रुख करना पार्टी के लिए एक बड़ा झटका था।
उन्होंने कहा, “किसी ने भी इस रुझान की उम्मीद नहीं की थी, खासकर शहरी इलाकों में जहां लोग भाजपा की नीतियों में विश्वास करते हैं। रोहतक, बहादुरगढ़, झज्जर, कलानौर और कोसली में भाजपा की हार के पीछे के सटीक कारणों का पता बाद में चलेगा, लेकिन ऐसा लगता है कि स्थानीय मुद्दे राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य पर हावी रहे, जिससे कांग्रेस को जीत हासिल करने में मदद मिली।”
खुराना ने स्वीकार किया कि राज्य सरकार द्वारा ऐसे मुद्दों को हल करने के प्रयासों के बावजूद, संपत्ति और परिवार पहचान पत्र, संपत्ति कर मूल्यांकन, पेंशन और पेयजल की कमी से संबंधित विभिन्न मुद्दों के कारण लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
मुख्य कारक रोहतक में भाजपा की हार के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। बेरोजगारी, महंगाई और अग्निपथ योजना जैसे राष्ट्रीय मुद्दों के अलावा शहरी लोग पीने के पानी की कमी, अनियमित बिजली आपूर्ति, परिवार और संपत्ति पहचान पत्र में खामियां, सामाजिक सुरक्षा पेंशन रोके जाने आदि मुद्दों पर भाजपा सरकार से नाराज हैं। — राजनीतिक विश्लेषक