अयोध्या जनपद के सभी विधानसभा क्षेत्रों में एसआईआर की प्रक्रिया 28 अक्टूबर से शुरू कर दी गई है। जिला मजिस्ट्रेट निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि भारतीय चुनाव आयोग के निर्देश पर सभी विधानसभा क्षेत्रों में यह प्रक्रिया शुरू की गई है।
आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि वर्तमान में खंड विकास अधिकारी घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना प्रपत्र वितरित कर रहे हैं। सभी बूथों पर बीएलओ तैनात कर दिए गए हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में फॉर्म वितरित किए जा रहे हैं। मतदाताओं को ये फॉर्म भरकर जमा करने के लिए 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक का समय दिया गया है। इसके बाद मसौदा सूची प्रकाशित की जाएगी। इस सूची में उन मतदाताओं के नाम होंगे, जिन्होंने गणना प्रपत्र भरकर जमा किया होगा।
एसआईआर के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि इसका एकमात्र मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी वैध मतदाता वोटर लिस्ट से न छूटे और अवैध मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाएं। उन्होंने बताया कि 4 दिसंबर के बाद दावे और आपत्तियां ली जाएंगी तथा उनकी सुनवाई की जाएगी। इसके बाद फरवरी 2026 में अंतिम वोटर लिस्ट जारी की जाएगी।
दो आधार कार्ड के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि किसी के पास दो आधार कार्ड होना अपने आप में अपराध है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड किन परिस्थितियों में इस्तेमाल किया जा सकता है। आधार के अलावा 12 अन्य प्रमाण पत्र हैं, जिन्हें पहचान के रूप में स्वीकार किया जा सकता है। इनकी सूची मतदाताओं को दिए जाने वाले फॉर्म पर चिन्हित की गई है। यह सूची सभी राजनीतिक दलों को प्रदान की गई है और सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से भी साझा की जा रही है।
मृतकों और स्थानांतरित व्यक्तियों के नाम हटाने की प्रक्रिया पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों की मृत्यु हो गई है या जो यहां से चले गए हैं, उनकी सूची बनाकर गांवों में चस्पा की जाएगी। यदि इन नामों पर कोई दावा या आपत्ति नहीं आती तो उन्हें वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा। सभी राजनीतिक दलों से चुनाव आयोग स्तर पर, जिला स्तर पर और विधानसभा स्तर पर बैठकें की गई हैं।


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