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सिरमौर डीसी ने कहा, भोजनालयों और फूड वैन के लिए खाद्य सुरक्षा लाइसेंस अनिवार्य

Sirmaur DC said, food safety license mandatory for eateries and food vans

नाहन, 13 जुलाई सिरमौर के डिप्टी कमिश्नर सुमित खिमता ने स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए खाद्य उत्पादों का नियमित निरीक्षण और सैंपलिंग सुनिश्चित करें। डीसी ने कहा, “आगामी मानसून के मौसम को देखते हुए खाद्य पदार्थों, फलों और सब्जियों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। सभी व्यवसाय संचालकों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम का पालन करना अनिवार्य है।”

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत नाहन में आयोजित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक के दौरान खिमटा ने इस बात पर जोर दिया कि डिपो धारकों, मध्याह्न भोजन प्रदाताओं, शराब ठेकेदारों, कैटरर्स, मेला एवं स्टाल संचालकों तथा आंगनवाड़ी केंद्रों सहित सभी व्यवसायों के लिए खाद्य सुरक्षा लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है।

खिमता ने दूसरे राज्यों से आकर वाहनों पर अपनी उपज बेचने वाले फल और सब्जी विक्रेताओं पर लगातार निगरानी रखने का आग्रह किया। इन विक्रेताओं द्वारा बेचे जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता की नियमित जांच की जानी चाहिए ताकि जनता को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिल सके।

उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों, प्रमुख सड़कों और शहरी क्षेत्रों में खाद्य वैन और ट्रकों पर खाद्य पदार्थ बेचने की बढ़ती प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला, साथ ही कहा कि ऐसे उत्पादों की गुणवत्ता अक्सर संदिग्ध रहती है। खाद्य विक्रेताओं को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाइसेंस प्राप्त करना चाहिए और स्वच्छता मानकों को बनाए रखना चाहिए।

नाहन में बूचड़खाने की लंबे समय से चली आ रही समस्या पर बोलते हुए डीसी ने नगर परिषद को इस समस्या का शीघ्र समाधान करने के निर्देश दिए। मीट की दुकान चलाने वालों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाइसेंस लेना चाहिए तथा अधिकारियों को नियमित रूप से इन दुकानों की गुणवत्ता और सफाई मानकों का निरीक्षण करना चाहिए।

खिमता ने जिले में मोबाइल खाद्य परीक्षण सेवा शुरू करने की भी घोषणा की, जो विभिन्न खाद्य नमूनों के संग्रह की सुविधा प्रदान करेगी।

खाद्य सुरक्षा के सहायक आयुक्त अतुल कायस्थ ने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग ने 2023-24 में करीब 120 प्रवर्तन नमूने और 294 निगरानी नमूने एकत्र किए। विश्लेषण किए गए 119 नमूनों में से 16 गलत ब्रांड वाले और 7 घटिया पाए गए, जिसके कारण 45 सिविल मामले और 2 आपराधिक मामले दर्ज किए गए। कुल 27 मामलों में दोषसिद्धि के परिणामस्वरूप 2.07 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

बैठक में आबकारी एवं कराधान उपायुक्त हिमांशु आर पंवार, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील शर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डी. नसीर अहमद, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक राजीव ठाकुर, उच्च शिक्षा उपनिदेशक अजीत चौहान, पुलिस उपअधीक्षक रमाकांत ठाकुर, खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रियंका कश्यप तथा विभिन्न व्यापारिक प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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