सिरसा, 2 जून सिरसा देश के सबसे गर्म जिलों में से एक है, यहां तक कि भीषण गर्मी में पेड़ भी जलने लगते हैं। इसी जिले में रामगढ़ गांव है, जहां युवा पिछले 10 सालों से पौधे लगा रहे हैं। जब उन्होंने पौधों को भीषण गर्मी में तड़पते देखा तो उन्होंने एक अभियान शुरू करने का फैसला किया।
हर दिन युवा 300 से ज़्यादा पौधों को बचाने के लिए दो से तीन टैंकर पानी देते हैं। रामगढ़ यूथ क्लब के तहत वे पौधों को बचाने के लिए उनके पास पानी से भरे मिट्टी के बर्तन रख रहे हैं, साथ ही पानी भी दे रहे हैं। अब तक वे 40 बर्तन रख चुके हैं। बर्तन पौधे से एक फ़ीट की दूरी पर रखे जाते हैं, जिससे पौधे धीरे-धीरे पानी सोख लेते हैं।
रामगढ़ के युवा गांव के तालाब से पानी लेकर पेड़ों तक ले जाते हुए। ट्रिब्यून फोटो रामगढ़ यूथ क्लब के सदस्यों में राजेंद्र कुमार, विनोद लाइनमैन, लक्ष्मी नारायण, जसकरण फौजी, संदीप कुमार, भीमसैन, रोहताश, सुरेंद्र, अनुज, पंकज, श्योपाल, हरपाल और अन्य शामिल हैं। वे गांव की गौशाला के पास लगे पानी के टैंकर का इस्तेमाल करते हैं, जिसका ईंधन वे खुद ही चुकाते हैं। गांव में एक और टैंकर का किराया 200 रुपये है। हर दिन पौधों के लिए दो से तीन टैंकर पानी का इस्तेमाल किया जाता है।
रामगढ़ के युवाओं ने गांव के तालाब से पानी पेड़ों तक पहुंचाने के लिए मानव श्रृंखला बनाई। ट्रिब्यून फोटो राजेंद्र कुमार नामक निवासी ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखा था। वीडियो में राजस्थान के एक डीसी ने बताया था कि गर्मी में पौधों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके लिए पौधे से एक फुट की दूरी पर गमला रख दें। पौधा धीरे-धीरे गमले का पानी सोख लेता है।
इसके बाद पूरे गांव में इस प्रथा को अपनाया जाने लगा। हर दिन करीब 150 पौधों को पानी दिया जाता है। गांव के करीब 70 लोग सेवा क्षेत्र में काम करते हैं और उनमें से 58 लोग इस अभियान का हिस्सा हैं।
क्लब के सदस्य राजेंद्र कुमार ने कहा, “गांव में पेड़ लगाते हुए हमें 10 साल हो गए हैं। उन्हें बचाना हमारी जिम्मेदारी है। हम अपना कर्तव्य निभा रहे हैं क्योंकि पौधे ही जीवन हैं। बहुत गर्मी है और पौधे मर रहे हैं। हमारे छोटे-छोटे प्रयास आज उन्हें जीवन दे रहे हैं। कल वे हमारे जीवन का आधार बनेंगे।”
गांव के निवासी विनोद ने सवाल किया, “पेड़-पौधे हमारी जीवन रेखा हैं और अगर वे खत्म हो गए तो हम कैसे जीवित रहेंगे?” उन्होंने जिले के हर गांव से आगे आकर पेड़-पौधों को बचाने के लिए इसी तरह के अभियान शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने जिले के हर नागरिक से मानसून के मौसम में कम से कम एक पौधा लगाने की भी अपील की।
पर्यावरण योद्धा हर दिन, युवा 300 से अधिक पौधों को बचाने के प्रयास में उन्हें दो से तीन टैंकर पानी उपलब्ध कराते हैं। रामगढ़ युवा क्लब के तहत, वे पौधों के पास पानी से भरे मिट्टी के बर्तन रख रहे हैं, ताकि उन्हें और पानी को बचाया जा सके। गमलों को पौधे से एक फुट की दूरी पर रखा जाता है, जिससे उनमें पानी का अवशोषण धीरे-धीरे होता है।
वे गांव की गौशाला के पास लगे पानी के टैंकर का उपयोग करते हैं तथा ईंधन का भुगतान स्वयं करते हैं।