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छह मोबाइल फोरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, अपराध जांच को मजबूत करेगी

Six Mobile Forensic Vans Flagged Off, Will Strengthen Crime Investigation

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहाँ छह अत्याधुनिक मोबाइल फोरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पहले चरण में, ये वाहन बद्दी, नूरपुर और बिलासपुर स्थित तीन जिला फोरेंसिक इकाइयों, जुन्गा स्थित राज्य फोरेंसिक प्रयोगशाला और धर्मशाला व मंडी स्थित क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में तैनात किए जाएँगे।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पुस्तिका – “फोरेंसिक साक्ष्य संग्रहण, संरक्षण और भंडारण” भी जारी की, जो जांच अधिकारियों और चिकित्सा पेशेवरों के लिए एक समान दिशा-निर्देशों का एक सेट है और अपराध स्थलों का दौरा करने वाले फोरेंसिक विशेषज्ञों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए जैकेट का अनावरण किया।

उन्होंने कहा, “ये उन्नत वाहन वैज्ञानिक और त्वरित साक्ष्य संग्रह को सक्षम बनाएंगे, जिससे अपराध स्थल पर संरक्षण और सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित होगा।” उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से फोरेंसिक जांच को मजबूत करने से दोषसिद्धि दर में वृद्धि होगी और न्याय वितरण प्रणाली में सुधार होगा।

65 लाख रुपये की लागत वाली प्रत्येक वैन अत्याधुनिक फोरेंसिक उपकरणों से सुसज्जित होगी, जिसमें दवा और विस्फोटक पहचान प्रणाली, फिंगरप्रिंट और फुटप्रिंट डेवलपमेंट किट, डीएनए सैंपलिंग किट, आगजनी पहचान किट, प्रशीतन इकाइयां, पोर्टेबल जनरेटर, साइबर फोरेंसिक सॉफ्टवेयर, उच्च-रिज़ॉल्यूशन वीडियो प्रलेखन प्रणाली, माइक्रोस्कोप, जीपीएस-सक्षम बॉडी-वॉर्न कैमरे, डीएसएलआर और सीसीटीवी कैमरे और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल होंगे।

ये एकीकृत किट जाँचकर्ताओं को विभिन्न प्रकार की साक्ष्य सामग्री, जैसे उंगलियों के निशान, जैविक तरल पदार्थ, बाल, गोली और विस्फोटक अवशेष, काटने के निशान, संदिग्ध दस्तावेज़, टायर के निशान, जूतों के निशान, नशीले पदार्थ और अन्य ट्रेस साक्ष्य, की जाँच करने में सहायता करेंगी। ये मोबाइल इकाइयाँ तत्काल और संदूषण-मुक्त संग्रहण सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं, जिससे महत्वपूर्ण फोरेंसिक सामग्री का क्षरण या हानि रोकी जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा, “इस पहल से साक्ष्य संकलन में अधिक पारदर्शिता आएगी तथा आपराधिक दोष सिद्ध करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी।”

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