पटना, 8 अक्टूबर । बिहार के बांका जिले में फूड पॉइजनिंग के कारण पांच बच्चों सहित छह लोग बीमार हो गए।
फूड पॉइजनिंग के कारण बीमार होने का यह मामला चौखट गांव से सामने आया है। वह सभी कैंदो में एक मेले से घर लौटे थे।
सभी ने घर पहुंचने के बाद खाना नहीं खाया। उन्होंने बताया कि वह मेले में नाश्ता करके आए हैं और वह सो गए।
बाद में मंगलवार को लगभग 1 बजे उन्हें उल्टी और दस्त की शिकायत हुई और उन्हें इलाज के लिए अमरपुर के रेफरल अस्पताल ले जाया गया।
पीड़ितों में से एक राजेश मांझी के पिता ने इस घटना के बारे में बताया।
बीमार लोगों की पहचान लड्डू कुमार (12), सपना कुमारी (5), गोपाल कुमार (12), रबीना कुमारी (6), गंगिया कुमारी (13) और उर्मिला देवी के रूप में हुई है।
जब उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
अस्पताल में उनका इलाज करने वाले अपूर्व अमन सिंह ने पुष्टि की है कि सभी बच्चों में फूड पॉइजनिंग के लक्षण थे।
सिंह ने कहा, “बच्चों ने मेले में बासी खाना खाया होगा, जिससे उन्हें फूड पॉइजनिंग हुई। प्राथमिक उपचार मिलने के बावजूद उनके लक्षणों की गंभीरता को देखते हुए उन्हें बेहतर उपचार देना जरूरी हो गया। उनकी हालत गंभीर थी।”
बिहार में फूड पॉइजनिंग की यह एकमात्र घटना नहीं है। पिछले 12 दिनों में बिहार में फूड पॉइजनिंग की दो और घटनाएं हुई हैं। 28 सितंबर को बिहार के नवादा जिले के महुली गांव में एक आंगनवाड़ी केंद्र में दूषित भोजन खाने से 11 बच्चे बीमार हो गए। यह घटना केंद्र में मिड डे मील के दौरान हुई, जहां बच्चों के लिए ‘खिचड़ी’ बनाई गई थी।
27 सितंबर को पश्चिम चंपारण के बेतिया में एक इंजीनियरिंग कॉलेज में लगभग 70 छात्रों से जुड़ी एक और घटना हुई, जहां छात्रावास में परोसे गए भोजन में छिपकली पाई गई।