संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने मंगलवार को मुक्तसर और बठिंडा में जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर किसानों को गैर-जरूरी सामान खरीदने के लिए मजबूर किए बिना डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति सहित अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने पराली जलाने के मामलों में दर्ज एफआईआर रद्द करने और बाढ़ व भारी बारिश से प्रभावित किसानों व मजदूरों को तत्काल राहत देने की भी मांग की। एसकेएम नेताओं ने दावा किया कि सोमवार को राज्य भर के डीसी या संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे गए। उन्होंने कहा कि बाढ़, फसल रोगों और मौसम की वजह से 59 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई और कृषि को व्यापक नुकसान हुआ है। उन्होंने “हल्दी” और “बौना” रोगों के कारण धान की पैदावार में प्रति एकड़ 8-10 क्विंटल की भारी गिरावट का भी हवाला दिया।
ज्ञापन में कई मांगें सूचीबद्ध की गईं, जिनमें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त फसलों के लिए 40,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, उपज के नुकसान के लिए 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस और राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार पराली प्रबंधन के लिए 7,000 रुपये प्रति एकड़ या 200 रुपये प्रति क्विंटल नकद सहायता शामिल है।


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