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ऊना ग्राम सहकारी समिति के छोटे निवेशकों को धोखाधड़ी में 14 करोड़ रुपये का नुकसान

Small investors of Una Village Cooperative Society suffer loss of Rs 14 crore in fraud

ऊना जिले के इस्सपुर सहकारी समिति में धोखाधड़ी के कारण छोटे निवेशकों को करीब 14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस्सपुर सहकारी समिति के अध्यक्ष सूरज पाठक ने को बताया कि करीब चार साल पहले उनकी गांव की समिति में धोखाधड़ी हुई थी।

समिति की तत्कालीन प्रबंध समिति और उसके पदाधिकारियों ने बिना किसी जमानत या सुरक्षा के कुछ ग्रामीणों को करोड़ों रुपये का कर्ज दे दिया था। कर्जदारों ने पैसे नहीं लौटाए और समिति के छोटे निवेशकों को करीब 14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि आज तक समिति बकाएदारों से रकम वसूल नहीं कर पाई है और छोटे निवेशक परेशान हैं।

पाठक ने कहा कि सोसायटी की प्रबंध समिति के तत्कालीन सचिव के खिलाफ 2020 में विजिलेंस केस दर्ज किया गया था। लेकिन विजिलेंस विभाग ने आज तक डिफॉल्टरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की है। उन्होंने कहा कि सोसायटी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद डिफॉल्टरों से पैसा वसूलने में विफल रही है और छोटे निवेशकों ने अपनी बचत खो दी है।

पाठक ने कहा कि इस मामले में इस्सपुर सोसायटी ने 80 लाख रुपये तक का लोन दिया था, जबकि सहकारी समितियों को अपने सदस्यों को 10 लाख रुपये से अधिक लोन देने की अनुमति नहीं है। कई मामलों में सहकारी समितियों की प्रबंधन समितियों ने अपने सचिवों के साथ मिलीभगत करके बड़े-बड़े लोन दिए, जिससे छोटे निवेशकों को नुकसान हुआ।

उन्होंने कहा, “राज्य सहकारिता विभाग का कहना है कि उसे सहकारी समितियों की प्रबंध समितियों के ऋण संबंधी निर्णयों पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है। दूसरी ओर, सहकारी समितियों के पास ऋण वसूली के लिए बकाएदारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। यह अधिकार सहकारिता विभाग के अधिकारियों के पास है।”

एसपी (सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक) कांगड़ा बलबीर ठाकुर ने बताया कि हालांकि सतर्कता विभाग ने ईसपुर सहकारी समिति में धोखाधड़ी के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन जांच को विशेष जांच इकाई शिमला को स्थानांतरित कर दिया गया है।

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