डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी से संबद्ध सोलन स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) को हिमाचल प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ केवीके चुना गया है।
यह पुरस्कार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-अटारी), जोन-1, लुधियाना द्वारा आयोजित वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला के दौरान प्रदान किया गया। कार्यशाला पिछले सप्ताह गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में आयोजित की गई थी।
मुख्य अतिथि, भारत सरकार के कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के अंतर्गत कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने केवीके, सोलन को यह पुरस्कार प्रदान किया।
विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. इंद्र देव और केवीके सोलन के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. अमित विक्रम ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।
इस अवसर पर आईसीएआर के उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. उधम सिंह गौतम और अटारी जोन-1 के निदेशक डॉ. परवेन्दर श्योराण भी उपस्थित थे।
सोलन केवीके द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए शिमला मिर्च, मटर और बेर आधारित मॉडल विकसित करने के लिए किए गए काम को उनके अनुकरणीय कार्य के लिए मान्यता दी गई है। आर्या परियोजना के तहत किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रमों और काम को भी सराहना मिली।
कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर चंदेल ने सोलन केवीके के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, “सोलन केवीके का उद्देश्य किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों की पहचान करना और उनका समाधान करना है, साथ ही टिकाऊ कृषि पद्धतियों को सुनिश्चित करने के लिए नवीनतम फसल प्रौद्योगिकियों का प्रसार जारी रखना है।”
उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार कृषि समुदाय के कल्याण को बढ़ाने के लिए केवीके की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। डॉ. इंद्र देव और डॉ. परविंदर श्योराण ने भी सम्मान पाने वाले केवीके कर्मचारियों को बधाई दी।