राज्यसभा में गुरुवार को वक्फ संशोधन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की गई, जिसके बाद विपक्षी दलों ने विरोध जताते हुए हंगामा किया। विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट को एकतरफा बताते हुए वॉकआउट किया तो केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा ने कहा कि ये व्यवहार गैर जिम्मेदाराना है।
जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष ने आज सदन से वॉकआउट किया है, लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि सुबह से ही सभापति ने विपक्ष को पूरी तत्परता के साथ अपनी बात रखने का मौका दिया। उन्होंने इस दौरान विपक्षी सदस्यों को उनके बिंदुओं और चिंताओं को चर्चा में लाने की पूरी स्वतंत्रता दी। कुछ विपक्षी सदस्यों ने नियमों का उल्लंघन किया, लेकिन सभापति ने बहुत दरियादिली दिखाते हुए उन पर कोई कार्रवाई नहीं की और केवल उन्हें चेतावनी दी।
उन्होंने कहा कि पूरी चर्चा के दौरान यह बात साफ नजर आई कि विपक्ष का उद्देश्य चर्चा करना नहीं था। विपक्ष का असली उद्देश्य राजनीतिक दृष्टि से अपना प्वाइंट स्कोर करना था और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संसद में किसी भी चीज को डिलीट करने का कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। नड्डा ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि उनका व्यवहार बहुत ही गैर जिम्मेदाराना था और इसे निंदनीय होना चाहिए।
उन्होंने इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार देते हुए कहा कि यह राजनीति देश को कमजोर करने की साजिश है। विपक्षी दल इस समय देश के उन तत्वों के हाथ मजबूत कर रहे हैं जो भारत को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इस बात को महत्वपूर्ण बताया कि विपक्ष के वॉकआउट को रिकॉर्ड पर आना चाहिए, क्योंकि यह देशद्रोही गतिविधियों को प्रोत्साहित करने का एक तरीका बन गया है।
जेपी नड्डा ने अंत में कहा कि कांग्रेस पार्टी और विपक्ष आज उन लोगों के हाथ मजबूत कर रहे हैं, जो इस देश को खंडित करना चाहते हैं और उसे कमजोर करना चाहते हैं। उन्होंने विपक्ष की आलोचना करते हुए इसे देश के खिलाफ खड़ा होने वाली एक राजनीति बताया, जिसे पूरी तरह से नकारा जाना चाहिए।
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