लखनऊ, 18 फरवरी । यूपी विधानसभा में मंगलवार से बजट सत्र शुरू हो गया है। इस दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने जोरदार प्रदर्शन किया। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी समाजवादी पार्टी के सदस्य हंगामा करते रहे और लगातार नारेबाजी करते रहे।
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सपाइयों के हंगामे को देखते हुए विधानसभा की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। बजट सत्र की शुरुआत होने से पहले सपा के सदस्यों ने प्रदर्शन की तैयारी कर रखी थी। वे बाहर से हंगामा करते आए और चौधरी चरण सिंह की मूर्ति के पास जाकर प्रदर्शन किया। सपा विधायक अतुल प्रधान अपने को बेड़ियों में जकड़ कर पहुंचे।
उन्होंने कहा कि अमेरिका जिस तरह से भारतीयों का अपमान कर रहा है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने हाथों में गगरी और तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। गगरी में लिखा था कि यह नैतिकता का अस्थि कलश है। वहीं तख्तियों में विभिन्न नारे लिखकर भाजपा पर प्रदेश में भाईचारा मिटाने का आरोप लगाया।
सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा साइकिल से विधानसभा पहुंचे। उन्होंने साइकिल में मटकी टांग रखी थी, जिस पर लिखा था नैतिकता का अस्थि कलश। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने अभिभाषण में सरकार की नीतियों और उपलब्धियों की चर्चा भी की है। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही 12:30 तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि आज से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। हमारी सरकार राज्य के विकास के लिए दृढ़ है। सदन के इस सत्र में अनेक सार्थक विषयों पर चर्चा होगी।
इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हार की हताशा से परेशान विपक्ष अपनी खुन्नस को सदन पर नहीं उतारेगा, बल्कि सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने में सकारात्मक योगदान करेगा।
सीएम ने कहा कि अभिभाषण व बजट महत्वपूर्ण मुद्दे होते हैं, जिसमें विपक्ष ही नहीं, बल्कि सदन का हर सदस्य अपनी बात को प्रभावी ढंग से रख सकता है। इसके अलावा भी विपक्ष जिस मुद्दे पर चर्चा करना चाहेगा, सरकार उसका तथ्यात्मक जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हम चाहते हैं कि सदन सार्थक चर्चा का मंच बने।
20 फरवरी को वर्ष 2025-26 का यूपी का सामान्य बजट सदन में प्रस्तुत होगा। सदन 18 फरवरी से 5 मार्च तक प्रस्तावित किया गया है। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में बहुत कम क्षण आए हैं, जब इतने लंबे समय के लिए सदन आहूत किया गया हो। सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से संपन्न हो, यह केवल सत्ता पक्ष का नहीं, बल्कि विपक्ष का भी महत्वपूर्ण दायित्व है। उन्होंने आशा जताई कि सदन चर्चा-परिचर्चा का मंच बने।
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