लखनऊ, 3 मार्च । यूपी के बजट को लेकर विपक्ष ने कई सवाल उठाए हैं। समाजवादी पार्टी नेता आरके वर्मा के मुताबिक कृषि और गन्ना उद्योग को लेकर बजट में कुछ खास नहीं है।
वर्मा ने कहा कि सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुना करने का वादा किया था, लेकिन वह अब तक पूरा नहीं हुआ। बजट में इस वादे को लेकर कोई ठोस योजना नहीं है। इसके अलावा, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण योजना पर भी उन्होंने आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा, ” यह योजना केवल कागजों पर चल रही है, धरातल पर इसका कोई असर नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि मृदा परीक्षण से भूमि की गुणवत्ता का पता चलता है, और इसमें सुधार कर फसल उत्पादन बढ़ाने की संभावना होती है, लेकिन सरकार ने इस योजना को सही तरीके से लागू नहीं किया। इसके परिणामस्वरूप, किसानों की आमदनी में कोई सुधार नहीं हुआ और गन्ना किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई।”
शेयर बाजार में गिरावट पर वर्मा ने कहा कि यह देश के लिए बहुत बुरी स्थिति है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत की साख गिर रही है और निवेशकों का विश्वास कम हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश के बजट के संबंध में भारत के निवेशकों को आठ लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। वर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि विदेशी निवेश (एफडीआई) अब भारत से भागकर चीन जा रहा है, जो इस बात का संकेत है कि भारत सरकार की नीति पूरी तरह से विफल हो चुकी है।
इसके बाद, बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाने के फैसले पर आरके वर्मा ने कहा कि यह मायावती जी का व्यक्तिगत मामला है। उन्होंने कहा कि वह अपनी पार्टी के मुखिया हैं और उन्हें अपने फैसले लेने का पूरा अधिकार है। वर्मा ने कहा कि समाजवादी पार्टी अपने झंडे और मुद्दों पर कायम रहती है, जैसे कि सामाजिक न्याय, संविधान, आरक्षण, कानून व्यवस्था और महिलाओं के साथ न्याय। उनका कहना था कि मायावती के फैसले पर टिप्पणी करना उनके पक्ष से उचित नहीं होगा, क्योंकि यह बसपा का आंतरिक मामला है।
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