महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र जारी है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा में ‘जनसुरक्षा विधेयक’ के खिलाफ बैनर लेकर पहुंचे। उन्होंने इस बिल का विरोध करते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। बैनर पर लिखा था ‘जनसुरक्षा विधेयक संविधान और लोकतंत्र विरोधी है, उसे वापस लो।’
अबू आजमी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विरोध-प्रदर्शन का वीडियो शेयर किया। उन्होंने लिखा, “नक्सलवाद के नाम पर लाया जा रहा ‘जनसुरक्षा बिल’। दरअसल सरकार की कोशिश है कि वह जनता की आवाज को कुचल सके। डॉ. राममनोहर लोहिया ने कहा था, ‘जब सड़कें सुनसान हो जाती हैं, तब संसद आवारा हो जाती है।’ यह बिल सरकार को जनता से विरोध का अधिकार छीनने का औजार बना सकता है।”
महाराष्ट्र सरकार द्वारा पेश किए जा रहे ‘जनसुरक्षा विधेयक’ पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “देश में पहले से ही ऐसे कानून मौजूद हैं, जिनके तहत मौत और उम्रकैद की सजा दी जा सकती है। देश 1947 में आजाद हुआ था और संविधान 1950 में बना था। क्या उस समय संविधान निर्माताओं ने इन मुद्दों पर विचार नहीं किया था? अब अचानक उन्हें इसकी याद आ रही है। यह सब नक्सलियों पर नियंत्रण के नाम पर किया जा रहा है। मेरा मानना है कि यह बिल असल में उन लोगों की आवाज दबाने के लिए है, जो सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरते हैं।”
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के ‘स्थानीय निकाय चुनावों के लिए भाजपा गठबंधन की जरूरत नहीं है’ वाले बयान पर अबू आजमी ने कहा, “शुरुआत से ही सब एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं। अगर विधानसभा में सबने एक-दूसरे के लिए काम किया होता और सीटों का बंटवारा सही तरीके से हुआ होता, तो आज यह स्थिति पैदा नहीं होती।”
उन्होंने यूपी का जिक्र करते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में जिस तरह से चुनाव लड़ा गया, उसका फायदा दोनों पार्टियों को मिला है। सिर्फ अपनी पार्टी को बढ़ाने और सीटों पर अड़े रहने से नुकसान होता है।”