चंबा में सोमवार को जिला सलाहकार समिति (डीएसी) की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जिले में कार्यरत विभिन्न बैंकों की वित्तीय प्रगति और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा की गई।
बैठक के दौरान अग्रणी जिला प्रबंधक डीसी चौहान ने बताया कि जिले का वार्षिक ऋण लक्ष्य 1410.41 करोड़ रुपये था, बैंकों ने 1637.22 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए हैं, जो लक्ष्य का 116.10 प्रतिशत है।
स्पीकर पठानिया ने बताया कि चंबा में बैंकों के पास कुल 7,338.41 करोड़ रुपए जमा हैं, लेकिन ऋण वितरण कम होने के कारण ऋण-जमा अनुपात कम बना हुआ है। उन्होंने सभी बैंकों से छोटे व्यापारियों, उद्यमियों और किसानों के लिए परेशानी मुक्त ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी सिफारिश की कि बैंक गंभीर बीमारी या मुख्य कमाने वाले की मृत्यु के कारण ऋण चुकाने में असमर्थ उधारकर्ताओं के लिए नीतियां बनाएं, ऐसे मामलों में ब्याज माफी का सुझाव दें।
अध्यक्ष ने जिले के सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना से जोड़ने तथा प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा, अटल पेंशन योजना, आधार सीडिंग तथा शैक्षणिक ऋण जैसी सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बैंकों को नीति आयोग के प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों को पूरा करने के लिए जागरूकता शिविर आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
चंबा विधायक नीरज नैयर ने चिंता जताई कि बैंक अक्सर छोटे ऋण देने में अनिच्छुक रहते हैं, जिससे लोगों को निजी ऋणदाताओं से अत्यधिक ब्याज दरों पर उधार लेना पड़ता है। उन्होंने बैंकों से ग्राहकों के प्रति सहानुभूति दिखाने और सुविधाजनक सेवा वितरण सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
भारतीय रिजर्व बैंक के लीड डेवलपमेंट ऑफिसर (एलडीओ) आशीष सांगरा ने मासिक शिविरों के माध्यम से डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ बैंक अपने ऋण देने के प्रयासों को केवल कुछ क्षेत्रों में ही केंद्रित कर रहे हैं और सभी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अधिक संतुलित संवितरण की मांग की।
डीएसी के चेयरमैन मुकेश रेपसवाल ने बैंकों को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) और पीएम स्वनिधि जैसी सरकारी प्रायोजित योजनाओं के तहत ऋण प्रस्तावों में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने अध्यक्ष को आश्वासन दिया कि बैठक के दौरान उठाए गए मुद्दों पर आने वाले महीनों में विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवानी महेला, एसडीएम प्रियांशु खाती, विभिन्न बैंकों के प्रबंधक व प्रतिनिधि तथा कई सरकारी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।