रोहतक, 17 अगस्त महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के विकलांगता अध्ययन केंद्र के छात्र हिमांशु और उनकी बहन हिमानी एक नए उद्यम को लेकर बेहद उत्साहित हैं – स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर परिसर में एक फूड ट्रक स्टार्ट-अप शुरू किया गया है।
हिमांशु और हिमानी, जो दोनों ही मूक और बधिर हैं, फूड ट्रक में शेफ के रूप में काम करते हैं, जिसे विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (सीआईआईई) द्वारा शुरू किया गया है और यह उन्हें अपने पाक कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करता है।
इसके शुभारंभ के एक दिन के भीतर ही भाई-बहन की इस जोड़ी ने आगंतुकों के साथ-साथ परियोजना में शामिल विश्वविद्यालय के अधिकारियों का भी दिल जीतना शुरू कर दिया है। दफेटेरिया (बधिर रसोइयों की भागीदारी पर जोर देने के लिए) नामक फूड ट्रक का उद्घाटन भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्ष डॉ. शरणजीत कौर ने किया।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की सलाहकार डॉ. अलका राव उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि थीं, जबकि एमडीयू के कुलपति राजबीर सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
‘अच्छा भोजन, महान उद्देश्य’ के आदर्श वाक्य पर आधारित इस उद्यम को एमडीयू की छात्रा पद्मजय और पूर्व छात्र साहिल और मंदीप ने विश्वविद्यालय के होटल एवं पर्यटन प्रबंधन संस्थान के निदेशक आशीष दहिया के मार्गदर्शन में डिजाइन किया है।
प्रोफेसर दहिया कहते हैं, “फूड ट्रक पहल का उद्देश्य बधिर समुदाय को शेफ और फ्रंटलाइन सेवा पेशेवरों के रूप में उत्कृष्टता प्राप्त करने के अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है। हम राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में भी ऐसे फूड ट्रक शुरू करने की योजना बना रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि दफेटेरिया की शुरुआत एमडीयू द्वारा पेश किए जाने वाले फूड-ट्रक संचालन में देश के पहले सर्टिफिकेट कोर्स की शुरुआत से भी होती है।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना संयुक्त राष्ट्र के अनेक सतत विकास लक्ष्यों से निकटतापूर्वक जुड़ी हुई है।
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