महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने राज्य भर में विशेष मेगा रोजगार कैंपों की एक श्रृंखला शुरू की है।
महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करने के उद्देश्य से ये शिविर पहले चरण के तहत होशियारपुर, श्री मुक्तसर साहिब, बरनाला और गुरदासपुर जिलों में शुरू हो गए हैं।
पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए समर्पित है। यह पहल महिला सशक्तिकरण के व्यापक दृष्टिकोण से भी मेल खाती है।
इन शिविरों की सफलता पर प्रकाश डालते हुए डॉ. कौर ने बताया कि बरनाला में 370 से अधिक महिला अभ्यर्थियों ने भाग लिया तथा 12 कम्पनियों ने नौकरी के लिए साक्षात्कार आयोजित किए।
प्रतिभागियों में से 88 लड़कियों ने आईबीएम और माइक्रोसॉफ्ट सहित प्रसिद्ध बहुराष्ट्रीय संगठनों के साथ निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए पंजीकरण कराया। शिविर में बैंकिंग, बीमा, कपड़ा, आईटी और सौंदर्य प्रसाधन जैसे क्षेत्रों की विभिन्न कंपनियों ने भी भाग लिया।
शिविर के दौरान 241 महिलाओं का साक्षात्कार लिया गया, जिनमें से कई उम्मीदवारों को मौके पर ही नौकरी की पेशकश की गई तथा अन्य को आगे की भर्ती के लिए चुना गया।
गुरदासपुर शिविर में 465 महिलाओं ने भाग लिया, जिनमें से 356 को वेयरहाउसिंग, टेलीकॉलिंग, कंप्यूटर संचालन, सुरक्षा सेवाओं और बीमा एवं कल्याण क्षेत्रों में सलाहकार भूमिकाओं जैसे क्षेत्रों में कंपनियों के साथ साक्षात्कार के बाद भूमिकाओं के लिए चुना गया।
होशियारपुर में इस कैंप में 1500 से ज़्यादा उम्मीदवार आए, जिनमें से 204 महिलाओं को तुरंत नौकरी मिल गई। इसके अलावा, 412 उम्मीदवार अंतिम साक्षात्कार चरण में पहुँच गए।
प्रमुख कंपनियों ने 400 रिक्तियों को भरने के लिए काम किया और 111 उम्मीदवारों ने आईबीएम, माइक्रोसॉफ्ट और रेड क्रॉस के साथ विशेष प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण कराया। पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान ने भी कार्यक्रम के दौरान स्वरोजगार के लिए ऋण अवसरों के बारे में जागरूकता फैलाई।
श्री मुक्तसर साहिब में 14 कंपनियों ने भाग लिया, जिन्होंने 1134 महिला उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया और विभिन्न नौकरियों के लिए 578 का चयन किया।
डॉ. कौर ने आगे जोर देकर कहा कि शिविरों में डिजिटल मार्केटिंग, साइबर सुरक्षा, अंग्रेजी भाषा प्रवीणता और एआई प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों में निःशुल्क प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए गए।
मत्स्य पालन, बागवानी और पशुपालन समेत कई स्वरोजगार उन्मुख विभागों ने महिलाओं के लिए जागरूकता स्टॉल लगाए और उन्हें आसानी से ऋण मिलने की जानकारी दी। इस अवसर पर 10 महिलाओं को ऋण स्वीकृति पत्र दिए गए, साथ ही स्वयं सहायता समूहों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी गई।
एक अग्रणी कदम के रूप में, 30 महिलाओं को रोजगार ब्यूरो के माध्यम से जीएसटी प्रैक्टिशनर के रूप में प्रशिक्षित और प्रमाणित किया गया, जिससे कर दाखिल करने और संबंधित क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर खुल गए।
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