पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र का आज (15 जुलाई) आखिरी दिन है। इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पवित्र ग्रंथों की बेअदबी से संबंधित पेश किए गए विधेयक पर चर्चा होगी और उसे पारित किया जाएगा। इस विधेयक में बेअदबी के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान है।
इसके साथ ही ड्रग्स के मुद्दे पर भी बहस हुई है। हालाँकि, विपक्ष का कहना है कि सरकार पहले दिन से ही लैंड पूलिंग और कानून व्यवस्था के मुद्दे से भाग रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा का कहना है कि उन्होंने इन दोनों मुद्दों पर अलग से चर्चा की माँग की थी, लेकिन इसके बावजूद इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। ऐसे में सत्र का समय बढ़ाने का भी कोई फायदा नहीं हुआ।
कृपया ध्यान दें कि प्रस्ताव के दौरान दो मुद्दे उठाए जाएंगे:
बांध में दरारों का मुद्दा: आज सदन की कार्यवाही के दौरान प्रश्नकाल नहीं होगा। सीधा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव होगा। इसमें डेराबस्सी विधायक कुलजीत सिंह रंधावा डेराबस्सी विधानसभा क्षेत्र के गांव टिवाना में घग्गर नदी में पत्थरों के कारण आई दरारों के मुद्दे पर जल संसाधन मंत्री का ध्यान आकर्षित करेंगे।
आवारा पशुओं का मुद्दा: विधायक मंजीत सिंह बिलासपुर पशुपालन मंत्री का ध्यान आवारा पशुओं से लोगों को हो रही समस्याओं की ओर आकर्षित करेंगे। आवारा पशुओं और लावारिस कुत्तों के आतंक का मुद्दा पहले भी सत्र में उठाया जा चुका है।
अंततः विधेयक को मंजूरी दे दी जाएगी।
इसके बाद धर्मग्रंथों के अनादर के मुद्दे पर बहस होगी। हालाँकि, कल इस मुद्दे पर बहस नहीं हो पाई क्योंकि कांग्रेस का तर्क था कि उसे बिल की कॉपी आखिरी समय में दी गई। जबकि नियमानुसार, बिल की कॉपी कम से कम 24 घंटे पहले दी जानी चाहिए। लेकिन साफ़ है कि पुरानी सरकार को घेरने की कोशिश ज़रूर होगी।
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि हमें इस मुद्दे पर बहस के लिए समय चाहिए, ताकि हम पूरी तैयारी कर सकें। वहीं, सीएम मान ने कहा कि बेअदबी के मुद्दे के बारे में बच्चा-बच्चा जानता है। लेकिन एक बात है कि कांग्रेस को इस मुद्दे पर आपत्ति है, जो 15 सालों से चल रहा है। उन्होंने कांग्रेस से पूरी तैयारी के साथ आने को कहा।