नई दिल्ली, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री, मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को पेरिस पैरालंपिक टीम के बचे हुए सदस्यों का भारत लौटने पर सम्मान किया। मंत्री ने खिलाड़ियों को उनकी अद्भुत उपलब्धियों के लिए बधाई दी और उनके प्रदर्शन पर गर्व व्यक्त किया।
मंडाविया ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश को उन पर गर्व है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत सरकार खिलाड़ियों और कोचों को हर संभव सहायता देती रहेगी ताकि वे अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सकें। साथ ही, उन्होंने खिलाड़ियों को भविष्य के पैरालंपिक खेलों के लिए पूरी मेहनत और जोश के साथ तैयारी करने के लिए प्रेरित किया।
खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए मंडाविया ने बताया कि पेरिस पैरालंपिक में हिस्सा लेने वाले 84 खिलाड़ियों में से 50 को टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना के तहत सहायता दी गई थी, जबकि अन्य खिलाड़ी खेलो इंडिया, राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र या अन्य सरकारी योजनाओं के जरिए समर्थन प्राप्त कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि भारत का प्रदर्शन हाल के वर्षों में तेजी से आगे बढ़ा है, जो पैरालंपिक खेलों में जीते गए पदकों की संख्या से भी स्पष्ट होता है। उन्होंने कहा कि भारत ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में 29 पदक जीते, जबकि टोक्यो 2020 पैरालंपिक में 19 पदक मिले थे, जो एक बड़ी छलांग है।
मंडाविया ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में भारत की कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों का जिक्र भी किया, जिसमें पांच मौकों पर दोहरा पोडियम फिनिश शामिल था। उन्होंने इस बात की भी सराहना कि की 11 खिलाड़ी लगातार दो पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने में सफल रहे। इसके अलावा, 12 नए खिलाड़ियों ने अपना पहला पैरालंपिक पदक जीतकर खास छाप छोड़ी। इस आयोजन में पांच नए रिकॉर्ड भी बने, जिनमें एक विश्व रिकॉर्ड और चार पैरालंपिक रिकॉर्ड शामिल थे।
उन्होंने यह भी बताया कि पेरिस 2024 पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने ऐतिहासिक भागीदारी की, जिसमें 46 खिलाड़ी पहली बार शामिल हुए और 32 महिला खिलाड़ियों ने खेलों में हिस्सा लिया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
खेल मंत्री ने मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए नकद इनाम की भी घोषणा की है। गोल्ड मेडलिस्ट को 75 लाख, सिल्वर मेडलिस्ट को 50 लाख और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को 30 लाख रुपए मिलेंगे।
इस कार्यक्रम में पैरालंपिक के 17 पदक विजेता उपस्थित रहे। इनमें स्वर्ण पदक विजेताओं में नवदीप, धर्मबीर, सुमित अंतिल, प्रवीण कुमार थे। रजत पदक विजेताओं में योगेश कथूनिया, निशाद कुमार, शरद कुमार, अजीत सिंह, सचिन खिलारी थे। कांस्य पदक विजेताओं में प्रीति पाल, मरियप्पन, होकाटो सेमा, सुंदर सिंह गुर्जर और सिमरन शर्मा थे। पैरा-तीरंदाजी में हरविंदर सिंह (स्वर्ण) और शीतल देवी (कांस्य), साथ ही पैरा-जूडो से कपिल परमार (कांस्य) भी शामिल थे।