March 28, 2024
Sports

चोट के कारण नीरज चोपड़ा राष्ट्रमंडल खेलों से हुए बाहर

नई दिल्ली, राष्ट्रमंडल गेम्स के लिए भारतीय दल को एक बड़ा झटका लगा है। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा चोट के कारण मेगा इवेंट से बाहर हो गए हैं। हाल ही में उन्होंने यूजीन (यूएस) में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक अपने नाम किया था। आईएएनएस से बात करते हुए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता ने चोपड़ा के चोटिल होने की पुष्टि की।

मेहता ने कहा, “नीरज चोपड़ा को डॉक्टरों द्वारा एक महीने के आराम की सलाह दी गई है, क्योंकि एमआरआई में उनकी ग्रोइन की चोट की पुष्टि की गई है। उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में अपनी प्रतियोगिता के बाद ग्रोइन में दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद उनका एमआरआई किया गया।”

मेहता ने आगे कहा, “यह भारतीय दल के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि चोपड़ा राष्ट्रमंडल खेलों के मौजूदा चैंपियन थे।”

2020 टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता चोपड़ा ने हाल ही में 88.13 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर भारत के 19 साल के लंबे इंतजार को समाप्त कर दिया था। यह विश्व चैंपियनशिप में भारत का अब तक का दूसरा पदक था। इससे पहले, 2003 में पेरिस में लॉन्ग जंप में अंजू बॉबी जॉर्ज ने कांस्य पदक जीता था।

हालांकि, चोपड़ा ने ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद शिकायत की थी कि प्रतियोगिता के दौरान उन्हें ग्रोइन की समस्या हुई थी।

चोपड़ा ने कहा था, “पहले तीन थ्रो में, मुझे अच्छा नहीं लगा। मेरा वार्म-अप अच्छा नहीं था। मुझे थ्रो के दौरान अपनी ग्रोइन में समस्या का सामना करना पड़ रहा था।”

उनके चोटिल होने की खबर ने बमिर्ंघम में भारतीय दल को निराश कर दिया है। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) 28 जुलाई को राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह के लिए ध्वजवाहक तय करने के अंतिम चरण में था, जिसमें चोपड़ा के साथ दो बार की ओलंपिक पदक विजेता और शटलर पीवी सिंधु थीं।

लेकिन चोपड़ा के खेलों से बाहर हो जाने के बाद, सिंधु को इस सम्मान से नवाजा जाना चाहिए।

चोपड़ा हाल ही में शानदार रूप में रहे थे, उन्होंने फिनलैंड के तुकरू में पावो नूरमी खेलों और स्टॉकहोम, स्वीडन में डायमंड लीग प्रतियोगिता में रजत पदक जीते थे। वह स्टॉकहोम में रजत जीतने के लिए 89.94 मीटर थ्रो किया था।

चोपड़ा ने हाल ही में कहा था, “मैं जीतने के लिए मुकाबला नहीं करता। मैं बेहतर होने के लिए मुकाबला करता हूं। स्वर्ण पदक जीतना मेरा लक्ष्य है, इसलिए मैं लगातार कड़ी मेहनत करता हूं और बेहतर होने पर ध्यान केंद्रित करता हूं।”

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