पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की नौ दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद सोमवार को हरियाणा की हिसार अदालत में पेश किया जाएगा।
पुलिस इससे पहले भी दो बार ज्योति मल्होत्रा को रिमांड पर ले चुकी है और तीसरी बार उसे अदालत में पेश करेगी। मल्होत्रा उन 12 लोगों में शामिल थी जिन्हें जासूसी के संदेह में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था।
वह एक यूट्यूब चैनल चलाती थी और उसके खिलाफ 16 मई को सरकारी गोपनीयता अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया।
बताया गया कि वह नवंबर 2023 से पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थी। भारत ने कथित तौर पर जासूसी में लिप्त होने के कारण 13 मई को दानिश को निष्कासित कर दिया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), खुफिया ब्यूरो और सैन्य खुफिया अधिकारियों ने भी मल्होत्रा से पूछताछ की है। जांच से पता चला है कि वह पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और कुछ अन्य देशों में गई थी। पुलिस ने कहा था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी मल्होत्रा को एक एसेट के रूप में विकसित कर रही थी।
यह भी बताया गया कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान वह दानिश के संपर्क में थी। जांच के दौरान पुलिस को ज्योति मल्होत्रा के लैपटॉप और मोबाइल से डिलीट की गई चैट मिली है। इससे पहले पुलिस ने उसके तीन मोबाइल फोन और एक लैपटॉप को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था।
बताया जा रहा है कि मल्होत्रा के चार बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। हिसार के पुलिस अधीक्षक के आधिकारिक बयान के अनुसार, अब तक की जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे पता चले कि मल्होत्रा ने संवेदनशील रक्षा या रणनीतिक जानकारी हासिल की हो, न ही आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने या आतंकवादी संगठनों से उसके संबंधों का कोई संकेत मिला हो।
पुलिस ने पुष्टि की है कि मल्होत्रा उन लोगों के संपर्क में थी जिन्हें वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एजेंट के रूप में जानती थी। पिछले साल अप्रैल में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में उनकी यात्रा के बारे में 23 मई को मध्य प्रदेश पुलिस ने उनसे पूछताछ की थी।
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