हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य सरकार जेआईसीए (जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी) द्वारा वित्तपोषित हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण संवर्धन परियोजना (चरण-II) के अंतर्गत पहाड़ी राज्य में 1,010.60 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
परियोजना का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में लघु सिंचाई सुविधाओं और पहुंच मार्गों के विकास और पुनर्वास के साथ-साथ विपणन संवर्धन और विस्तार सेवाओं में सुधार के माध्यम से फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों की आजीविका में सुधार हो सके।
मंत्री शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के दधंब में 91.65 लाख रुपये की लागत वाली त्रिअम्बला-ओला कुहल अपवाह सिंचाई परियोजना का शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत, राज्य भर में 7,933 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि पर सिंचाई अवसंरचना विकसित करने के लिए 296 सिंचाई उप-परियोजनाएँ और 10 अभिसरण सिंचाई उप-परियोजनाएँ क्रियान्वित की जा रही हैं।
जिला परियोजना प्रबंधन इकाई, पालमपुर के माध्यम से कांगड़ा और चम्बा जिलों के पालमपुर, देहरा, शाहपुर, जवाली और चम्बा ब्लॉकों में 221 करोड़ रुपये की कुल 102 उप-परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं, जिससे 3,923.01 हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए सिंचाई क्षमता सृजित हो रही है।
उन्होंने आगे कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के सामूहिक प्रयासों को मज़बूत करने के लिए किसान विकास संघ, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाए जाएँगे। उन्होंने कहा, “भूमिहीन परिवारों को डेयरी, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन और मशरूम की खेती, तथा मत्स्य पालन जैसी आजीविका सुधार गतिविधियों से भी लाभ होगा।”


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