February 21, 2025
Uttar Pradesh

अखिलेश यादव के 144 साल बाद महाकुंभ के दावे पर छात्रा ने पत्र के जरिए दिया जवाब

Student responded through letter to Akhilesh Yadav’s claim of Mahakumbh after 144 years

लखनऊ, 20 फ़रवरी । समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव लगातार महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इसी कड़ी में अखिलेश यादव ने महाकुंभ पर सवाल उठाते हुए कहा कि 144 साल बाद कुंभ होने का जो दावा किया जा रहा है, वह झूठा है। भाजपा इसे अपनी उपलब्धि बताने में लगी है। सपा प्रमुख के महाकुंभ पर टिप्पणी के बाद लखनऊ की सीएमएस की छात्रा आराध्या मिश्रा ने अखिलेश यादव को पत्र लिखा है, जिसमें छात्रा ने 144 साल बाद महाकुंभ के दावे पर सवाल उठाने पर जवाब दिया।

छात्रा ने कहा कि अखिलेश अंकल जब प्रयागराज में लगने वाले 12 कुंभ पूरे हो जाते हैं, तब यह विशेष अमृत योग बनता है, इसे 144 वर्षों में एक बार का अवसर माना जाता है। इसे योग के दौरान मकर संक्रांति से लेकर महा शिवरात्रि तक त्रिवेणी संगम में स्नान करना अत्यंत, पुण्यदायी माना जाता है। छात्रा ने सपा प्रमुख से अपील करते हुए कहा कि आप सनातन धर्म पर कोई टिप्पणी न करें। इससे मैं आहत हो रही हूं और मेरे जैसे न जाने करोड़ों बच्चे आहत होते होंगे। छात्रा आराध्या मिश्रा का पत्र अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है।

छात्रा आराध्या मिश्रा ने अपने पत्र में लिखा, ”नमस्ते अखिलेश अंकल, यूं तो आप मेरे मैनपुरी जनपद के पड़ोसी भी हैं और डिंपल आंटी मैनपुरी से सासद भी हैं, लेकिन मैंने कई बार आपका वीडियो देखा, जिससे मुझे लगा कि आप तक एक पत्र जरूर भेजना चाहिए। हो सकता है मेरी जानकारी अधूरी हो, लेकिन मैं इतना आपसे कहना चाहती हूं कि जिस सनातन धर्म के बारे में आप सवाल खड़े कर रहे हैं, तो आपको यह बता दूं कि करोड़ों की संख्या में लोग वहां स्नान करने पहुंचे हैं, इसलिए यह आस्था का सवाल है। इसके अलावा, महाकुंभ के बारे में कह रहे हैं कि यह 144 साल बाद कैसे आया, उसके बारे में मैंने पढ़ा और जाना, यूट्यूब और गूगल पर खोजा, वो आपको बता रही हूं।”

पत्र में आराध्या मिश्रा ने आगे लिखा, ”अखिलेश अंकल, जब प्रयागराज में लगने वाला 12वां कुंभ पूरा हो जाता है, तब यह विशेष अमृत योग बनता है। इसे 144 वर्षों में एक बार का अवसर माना जाता है। इस योग के दौरान मकर संक्रांति से लेकर महा शिवरात्रि तक त्रिवेणी संगम में स्नान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। यूं तो इस महाकुंभ में आप भी स्नान करके आए हैं, गूगल सर्च करने पर आपकी फोटो देखी थी। यह हम सबके लिए गौरव की बात है। लेकिन, आपसे अनुरोध करते हैं कि आप सनातन धर्म के बारे में अधिक जानकारी करें, जैसा कि मेरे पापा बताते हैं कि आप बड़े राजनेता हैं। इसलिए आपसे यह उम्मीद नहीं है कि आप सनातन धर्म पर कोई टिप्पणी न करें। इससे मैं आहत हो रही हूं, मेरे जैसे न जाने करोड़ों बच्चे आहत होते होंगे। अखिलेश अंकल, जय श्रीराम।”

दरअसल, अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि महाकुंभ कोई शब्द नहीं है, क्योंकि इन्होंने (भाजपा) कुंभ और महाआयोजन के नाम पर बहुत सारा पैसा निकालना था। पैसे की बर्बादी के लिए इसके नाम को महाकुंभ और महाआयोजन दे दिया।

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि महाकुंभ कोई शब्द नहीं है, लोगों को गुमराह किया गया कि कुंभ 144 वर्ष बाद हो रहा है। 144 वर्ष बाद हो रहा है किस तारीख से यह तय कर रहे हैं, हमारे हिंदू धर्म में नक्षत्र और समय दोनों महत्वपूर्ण है, जो सदियों से होता आया है। कब हमारी धरती बनी, कब हमारे तारे बने, कब से ग्रह हैं, भाजपा वालों को सब पता है, ये केवल मनमानी करते हैं, जो वो कहें वही थोप दो, वही स्वीकार करो।

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