डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएफएसटी) मूल्य शृंखला विकास एवं संवर्धन पर केंद्रित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य खाद्य क्षेत्र में मूल्य शृंखला विकास को बढ़ावा देना है और इसे कृषि एवं खाद्य क्षेत्र में वैश्विक नवाचार केंद्र (जीआईसी), जीआईजेड इंडिया के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम डीएफएसटी के स्नातकोत्तर छात्रों पर केंद्रित है।
बागवानी महाविद्यालय के डीन डॉ मनीष शर्मा ने सत्र का उद्घाटन किया और छात्रों में कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया, जिसका उद्देश्य व्यावहारिक प्रशिक्षण के माध्यम से उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देना है। उन्होंने टमाटर, आलू और सेब जैसी प्रमुख फसलों में मूल्य श्रृंखलाओं के महत्व पर प्रकाश डाला और भारत में जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं की मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए जीआईजेड इंडिया के प्रयासों की सराहना की। डॉ शर्मा ने खाद्य गुणवत्ता और पोषण मूल्य को बनाए रखने के लिए प्रौद्योगिकी, पैकेजिंग और दीर्घकालिक भंडारण से संबंधित चुनौतियों पर भी चर्चा की और इन क्षेत्रों में युवा उद्यमियों के लिए कई अवसरों की रूपरेखा तैयार की।
इस सत्र में खाद्य क्षेत्र में नए शोध और व्यावसायिक विचारों की भूमिका पर भी ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें शोध निदेशक डॉ. संजीव चौहान ने छात्रों के साथ इस विषय पर चर्चा की। खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख डॉ. राकेश शर्मा ने फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज को मजबूत करने, सुनिश्चित बाजार सुनिश्चित करने और एक टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणाली बनाने के लिए मूल्य श्रृंखलाओं को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।
जीआईजेड के कृषि सलाहकार और मास्टर ट्रेनर उमेश शर्मा ने वैल्यू लिंक 2.0 प्रशिक्षण मॉड्यूल 1-3 के व्यावहारिक अनुप्रयोगों का परिचय दिया और प्रदर्शन किया, जिसमें मूल्य श्रृंखला संवर्धन और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया।
विभाग के 22 छात्रों ने संकाय सदस्यों के साथ मिलकर प्रशिक्षण के दौरान मूल्य श्रृंखला विकास के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त की। अगले दो दिनों में, कई व्यावहारिक सत्र और अभ्यास आयोजित किए जाएंगे, जिनमें मूल्य श्रृंखला विश्लेषण, मूल्य श्रृंखला विश्लेषण के लिए उपकरण और श्रृंखलाओं को उन्नत करने की रणनीति जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा। छात्रों को अपनी खुद की रणनीति विकसित करने का अवसर भी मिलेगा, जिससे उन्हें उन्नत कौशल विकास के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञ प्रतिक्रिया मिलेगी।
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