सुबाथू शहरी सहकारी समिति के सदस्यों ने आज एक व्यापारी की दुकान के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिस पर समिति की 3.5 करोड़ रुपये की धनराशि हड़पने का आरोप है।
सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष सुशील गर्ग ने कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन करते हुए अपने रिश्तेदारों और मित्रों को 18 करोड़ रुपये वितरित किए, लेकिन यह राशि कभी वापस नहीं की गई।
सोसायटी के एक प्रदर्शनकारी सदस्य ने दावा किया, “उमेश गर्ग एक प्रमुख डिफॉल्टर है, जिसने 3.5 करोड़ रुपये का लोन लिया था, लेकिन वह पैसे वापस नहीं कर पाया। हम उससे पैसे वापस करने की शांतिपूर्ण अपील करने आए हैं।”
सदस्यों ने कहा कि गर्ग को जरूरतमंद सदस्यों को राहत प्रदान करने के लिए किश्तों में पैसा वापस करने पर विचार करना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि बुजुर्ग सदस्य कैंसर और आंख जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं
तत्काल सर्जरी की आवश्यकता वाली बीमारियाँ। उन्होंने कहा कि पैसे की कमी के कारण वे उचित इलाज नहीं करवा पा रहे हैं, उनमें से कुछ को अपने घरों की मरम्मत करवानी पड़ रही है या बुढ़ापे के लिए बचाए गए पैसों से बच्चों की शादी करनी पड़ रही है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ऐसे सभी सदस्य अब पीड़ित हैं।
सोसायटी के 134 सदस्यों का भविष्य अनिश्चित है। सोसायटी के पास बमुश्किल 15 से 20 लाख रुपए की राशि बची है और वे सदस्यों को उनकी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी पैसे नहीं दे पा रहे हैं, ऐसा सदस्यों ने दुख जताया।
उन्होंने बताया कि एक पखवाड़े पहले राम लाल नामक एक बुजुर्ग सदस्य की पैसे मिलने का इंतजार करते-करते मौत हो गई और कई अन्य लोगों की भी यही स्थिति हो सकती है। उन्होंने बताया कि जुलाई में एफआईआर दर्ज कराने के बावजूद भी पैसे वापस नहीं किए गए। बीमार बुजुर्गों को परवाणू की भीषण गर्मी में प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
पिछले साल सोसायटी के खातों की जांच के दौरान यह गबन सामने आया था। जांच के बाद प्रबंध समिति को भंग कर दिया गया और चुनाव के जरिए नई समिति गठित की गई। सोसायटी के कामकाज की देखरेख के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया गया।
Leave feedback about this