हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी ने हाल ही में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस योजना का उद्देश्य सौर ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देना, घरों तक स्वच्छ ऊर्जा की पहुँच प्रदान करना और गांवों में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
बैठक के दौरान बताया गया कि राज्य भर में 45.90 मेगावाट की संयुक्त क्षमता वाले 9,609 रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए गए हैं। अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए, राज्य सरकार ने लाभार्थियों को सब्सिडी के रूप में 52.54 करोड़ रुपये वितरित किए हैं।
राज्य अब सरकारी इमारतों पर सौर ऊर्जा लगाने को प्राथमिकता दे रहा है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) सरकारी संपत्तियों पर डेटा प्रबंधित करने के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल विकसित कर रहा है। 3,011 इमारतों के लिए साइट सर्वेक्षण पहले ही पूरा हो चुका है, जिसमें 91.78 मेगावाट की सौर उत्पादन क्षमता की पहचान की गई है। इसके अतिरिक्त, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (एनआरई) ने CAPEX मॉडल के तहत 8.4 मेगावाट ग्रिड से जुड़ी छत वाली सौर परियोजना के लिए बोलियाँ आमंत्रित की हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा को और बढ़ावा देने के लिए, सरकार नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के दिशा-निर्देशों के तहत प्रत्येक जिले में मॉडल सौर गांव स्थापित करने की योजना बना रही है। ये गांव सौर ऊर्जा आधारित घरेलू प्रकाश व्यवस्था, सौर ऊर्जा से चलने वाली जल प्रणाली, कृषि पंप और सौर स्ट्रीट लाइट जैसी स्थापनाओं के माध्यम से सौर ऊर्जा के परिवर्तनकारी प्रभाव को प्रदर्शित करेंगे।
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