मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज सीमावर्ती जिलों किन्नौर तथा लाहौल-स्पीति में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की भूमिका तथा चीन सीमा पर सुरक्षा मुद्दों के संबंध में विस्तृत चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने देहरादून स्थित आईटीबीपी के उत्तरी सीमांत मुख्यालय के फ्रंटियर कमांडर संजय गुंज्याल के साथ बैठक की। बैठक में राज्य के सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने, आईटीबीपी की आपूर्ति के लिए स्थानीय उत्पादों की खरीद और आईटीबीपी की स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से स्थानीय समुदायों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
सुखू ने कहा कि आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार आईटीबीपी के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में स्थित हेलीपैड का उपयोग दूरदराज के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है। इस संबंध में सभी औपचारिकताएं बल के परामर्श से पूरी की जाएंगी, जिससे कनेक्टिविटी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
सुखू ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, “अगर आईटीबीपी स्थानीय निवासियों से सीधे खाद्य उत्पाद खरीदती है, तो इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और किसानों और बागवानों को लाभ होगा।”
उन्होंने आईटीबीपी से आग्रह किया कि सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद निर्माण परियोजनाओं में स्थानीय निवासियों की भागीदारी को प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के अधिकारियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में संचार टावरों की स्थापना के लिए सभी प्रक्रियाओं में तेजी लाने का भी निर्देश दिया।