October 8, 2024
Himachal

सुक्खू ने आईजीएमसी डेंटल फैकल्टी की समस्याओं को सुलझाने का वादा किया

मेडिकल एवं डेंटल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन, आईजीएमसी शिमला ने आज कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्त सहायक प्रोफेसरों के लिए गैर-अभ्यास भत्ते (एनपीए) में असमानता को स्वीकार किया है। उन्होंने इस मुद्दे को हल करने और उन लोगों के लिए समानता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है, जिन्हें पहले चिकित्सा अधिकारियों के रूप में एनपीए मिला था।

एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्यों ने आईजीएमसी तथा राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों के संकाय सदस्यों को प्रभावित करने वाले ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात की।

बैठक में चर्चा किए गए अन्य प्रमुख मुद्दे अध्ययन अवकाश वेतन समायोजन से संबंधित थे। एसोसिएशन के प्रवक्ता ने कहा, “एमडी, एमएस, डीएम या एमसीएच जैसी उन्नत डिग्री प्राप्त करने वाले डॉक्टरों के लिए अध्ययन अवकाश के दौरान केवल 40 प्रतिशत वेतन देने की वर्तमान शर्त को माफ करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।” उन्होंने कहा, “इस बदलाव से संकाय सदस्यों की वित्तीय चिंताओं को कम करने की उम्मीद है, जिससे वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे और अपनी विशेषज्ञता बढ़ा सकेंगे।”

मेडिकल कॉलेजों के शिक्षण संकाय को परेशान करने वाला दूसरा मुद्दा सरकार का प्रस्ताव था जिसमें उनकी वार्षिक छुट्टियों को कम करने का प्रस्ताव था। प्रवक्ता ने कहा कि संकाय की छुट्टियों को प्रति वर्ष 45 दिनों तक मानकीकृत करने का वादा देश भर के अन्य चिकित्सा संस्थानों में प्रथाओं के साथ एकरूपता लाया है, जिसका उद्देश्य संकाय सदस्यों के लिए कार्य-जीवन संतुलन में सुधार करना है।

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री के आश्वासन से संकाय के लिए बेहतर समर्थन और बेहतर स्थिति की दिशा में एक आशाजनक मार्ग का संकेत मिलता है, जिससे अंततः राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को लाभ होगा।”

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