मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज कहा कि हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए केन्द्र सरकार से विशेष राहत पैकेज तथा वन संरक्षण अधिनियम में छूट प्राप्त करने के लिए भाजपा तथा कांग्रेस दोनों को एक साथ आना चाहिए।
सुखू आज विधानसभा में मानसून सत्र के पहले दिन नियम 67 के तहत बहस के दौरान आपदा राहत वितरण में राजनीतिक आधार पर भेदभाव के भाजपा के आरोपों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता दिलाने में भाजपा से सहयोग की मांग की।
सुक्खू ने कहा, “अगर हिमाचल को विशेष वित्तीय पैकेज दिया जाए तो हम आपके नेतृत्व में प्रधानमंत्री का धन्यवाद करने को तैयार हैं। आरोप-प्रत्यारोप से कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि बादल फटने की घटनाएँ तो रोज़ ही हो रही हैं।”
उन्होंने कहा, “वर्षा आपदाओं और गहरे दुःख के समय में, राज्य सरकार और विपक्ष को प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए, क्योंकि आपदा राज्य के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है।” उन्होंने आगे कहा, “मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूँ कि वह 2023 के मानसून सीज़न के दौरान हिमाचल प्रदेश को हुए 10,000 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई करे, क्योंकि राज्य को केवल 2,000 करोड़ रुपये मिले हैं।”
सुखू ने भाजपा के भेदभाव के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से न केवल सिराज बल्कि मंडी, कुल्लू, शिमला, चंबा, किन्नौर और ऊना के सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है।
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