वरित्रा फाउंडेशन ने जिले के सात स्थानों पर स्कूल की गर्मियों की छुट्टियों के दौरान आयोजित अपने समर कैंप के दूसरे चरण का समापन किया। दो चरणों में आयोजित इस पहल का उद्देश्य मनोरंजक और शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के बीच समग्र विकास को बढ़ावा देना था।
शिविर का पहला चरण 4 से 8 जून तक पांच अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया गया और इसमें 200 से अधिक बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। दूसरा चरण 25 जून को सेक्टर 33 में झुग्गी-झोपड़ियों के बच्चों के लिए शुरू हुआ और 27 जून को सरकारी स्कूल नलवीपर के शिक्षक शिक्षण संसाधन केंद्र (टीएलआरसी) में शुरू हुआ, जिसमें हर दिन 100 से अधिक बच्चे शामिल हुए।
प्रोजेक्ट मैनेजर मनीष के अनुसार, शिविर में संचार, आत्म-अभिव्यक्ति, टीमवर्क, रचनात्मकता और कल्पना जैसे जीवन कौशल को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। गतिविधियों में नाम-टैग परिचय, पारंपरिक खेल और गीत, उंगली पेंटिंग, मिट्टी की कला, 3 डी पेपर शिल्प, कठपुतली बनाना, बच्चों द्वारा मंच प्रदर्शन, जोर से पढ़ना सत्र, शैक्षिक खेल और बच्चों के गीत शामिल थे।
शिविर का संचालन शिक्षिकाओं प्रतिभा, प्रियंका, शिवांग, आशा, मुनीषा और छह समर्पित स्वयंसेवकों द्वारा प्रभावी ढंग से किया गया, जिनके प्रयासों से सभी प्रतिभागियों के लिए एक सुरक्षित और आकर्षक वातावरण सुनिश्चित हुआ।
अंतिम दिन सेक्टर 33 स्थित केंद्र में एक विशेष प्रदर्शनी और सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बच्चों की कलाकृति और हस्तशिल्प की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें उनकी रचनात्मकता और सीखने का जश्न मनाया गया। इस अवसर पर शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सुजाता गुप्ता, एनडीआरआई के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार और वरित्रा फाउंडेशन की सह-संस्थापक आयुषना कल्याण ने बच्चों की प्रतिभा की प्रशंसा की। छात्रों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।