N1Live National सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा, क्या आपने टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई की
National

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा, क्या आपने टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई की

Supreme Court asked Delhi government, did you take action against tanker mafia?

नई दिल्ली, 12 जून । उच्चतम न्यायालय ने टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए बुधवार को दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट कम करने के लिए वह दिल्ली पुलिस को कार्रवाई का निर्देश दे सकता है।

न्यायमूर्ति पी.के. मिश्रा की अध्यक्षता वाली अवकाश पीठ ने दिल्ली सरकार से पूछा, “यदि हिमाचल प्रदेश से पानी आ रहा है तो वह दिल्ली में कहां जा रहा है? क्या आपने इन टैंकर माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई की है। खबरें आ रही हैं कि दिल्ली में टैंकर माफिया सक्रिय हैं और पानी पर उनका कब्जा है, और आप उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। यदि आप कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो हम टैंकर माफिया पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस को सौंप देंगे।” इस पीठ में न्यायमूर्ति पी.बी. वराले भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि जब जलापूर्ति की पाइप लाइनें सूखी हैं तो टैंकरों से पानी की आपूर्ति कैसे की जा रही है।

पीठ ने कहा, “यदि हर साल गर्मियों में पानी का संकट रहता है तो आपने यमुना से आने वाले पानी की बर्बादी रोकने के लिए क्या किया है? मई-जून 2023 से अप्रैल 2024 के बीच किये गये उपायों के बारे में हलफनामा दायर करें। किसी टैंकर माफिया या पानी के अवैध परिवहन पर कोई एफआईआर दर्ज कराई हो?”

दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि दिल्ली जल बोर्ड टैंकरों से पानी की आपूर्ति करता है और मीडिया में जो विजुअल आ रहे हैं उनमें ज्यादातर गरीब घरों में जल बोर्ड के टैंकरों से पानी की आपूर्ति के हैं।

उन्होंने कहा, “हम आज ही तथ्य फाइल कर देंगे। बड़े पैमाने पर कनेक्शन काटने समेत कई कदम उठाये गये हैं। पुलिस कार्रवाई करती है तो हमें बेहद खुशी होगी।”

सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने उसके जलाशयों में अतिरिक्त पानी होने का “झूठा” दावा करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार से भी सवाल किया।

उसने हिमाचल प्रदेश सरकार का पक्ष रख रहे महाधिवक्ता से कहा, “यदि आप पानी छोड़ रहे हैं तो इसके बारे में अपर यमुना रिवर बोर्ड को जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है? उस दिन आपके अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि यह दस्तावेज (137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी होने के बारे में) बोर्ड के समक्ष रखा गया है। शीर्ष अदालत में गलत बयानी क्यों की जा रही है।”

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई गुरुवार 13 जून को तय करते हुए दिल्ली सरकार से पानी की बर्बादी रोकने के लिए उठाये गये कदमों के बारे में हलफनामा दायर करने के लिए कहा। उसने अन्य पक्षों से भी कहा कि यदि वे चाहें तो अतिरिक्त हलफनामा दायर कर सकते हैं।

Exit mobile version