उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को एक व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर अवैध ‘गधा मार्ग’ के जरिए अमेरिका भेजने के बहाने एक अन्य व्यक्ति को ठगने का आरोप है। न्यायालय ने कहा कि ऐसी गतिविधियों से वैश्विक स्तर पर भारतीय पासपोर्ट की प्रतिष्ठा धूमिल होती है।
न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति मनमोहन की खंडपीठ ने आरोपी को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, “आप जैसे लोगों के कारण भारतीय पासपोर्ट का मूल्य कम हो गया है।”
अदालत ने कहा कि कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई ऐसी बेईमानी भरी हरकतों ने भारतीय पासपोर्ट की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को बहुत नुकसान पहुंचाया है। पीठ ने कहा, “इन हरकतों से देश की बदनामी होती है और मानवीय गरिमा का हनन होता है।” साथ ही, आरोपियों के खिलाफ आरोपों को “बहुत गंभीर” बताया।
यह मामला हरियाणा निवासी ओम प्रकाश से जुड़ा है, जिस पर मुख्य आरोपी का साथी होने का आरोप है। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पहले उसे अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसे सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
एफआईआर के अनुसार, ओम प्रकाश और उसके सहयोगी ने कथित तौर पर 43 लाख रुपये वसूलने के बाद शिकायतकर्ता को कानूनी तरीके से अमेरिका भेजने का वादा किया था। लेकिन इसके बजाय उन्होंने पीड़िता को कई देशों में खतरनाक परिस्थितियों में भेजा।
शिकायतकर्ता को सितंबर 2024 में दुबई ले जाया गया और उसके बाद मैक्सिको पहुंचने से पहले उसे कई देशों से तस्करी कर लाया गया, जिसमें पनामा के जंगलों से होकर जाने वाला खतरनाक रास्ता भी शामिल था। 1 फरवरी, 2025 को पीड़ित को अवैध रूप से अमेरिका में घुसने के लिए मजबूर किया गया, जहां उसे अमेरिकी अधिकारियों ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया, जेल में डाल दिया और आखिरकार 16 फरवरी, 2025 को भारत भेज दिया गया।
Leave feedback about this