नई दिल्ली, 10 फरवरी । सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के खिलाफ एक आपराधिक मामले को हैदराबाद से मध्य प्रदेश या छत्तीसगढ़ में स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया है।
स्थानांतरण याचिका पर नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ती बी.आर. गवई और संदीप मेहता की पीठ ने सीएम रेवंत रेड्डी और अन्य से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को होने की संभावना है।
आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 406 के तहत दायर स्थानांतरण याचिका के अनुसार, ए. रेवंत रेड्डी और अन्य आरोपियों को उस समय हैदराबाद के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने रंगे हाथों पकड़ा था जब उन्होंने एल्विस स्टीफेंसन को जून 2015 के द्विवार्षिक चुनाव में वोट न डालने या टीडीपी के पक्ष में वोट देने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी।
याचिका में कहा गया है कि रेवंत रेड्डी अपराध संख्या 11/एसीबी-सिटी रेंज-1/हैदराबाद/2015 में मुख्य आरोपी हैं। वह राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री हैं और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का अभियोजन निदेशालय जवाबदेह है और सीधे आरोपी नंबर 1 के नियंत्रण में है।
रेवंत रेड्डी अपने पहले के बयानों को टालने या मुकरने के लिए दबाव डालकर वास्तविक शिकायतकर्ता और अधिकारियों को सीधे प्रभावित कर सकते हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि इस बात की पूरी संभावना है कि अधिकारी और वास्तविक शिकायतकर्ता धमकी के तहत झूठी गवाही देंगे।
याचिका में कहा गया है कि हैदराबाद या तेलंगाना की किसी अन्य अदालत में मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती है। यदि मुकदमा मध्य प्रदेश के भोपाल में जिला और सत्र न्यायाधीश को स्थानांतरित किया जाता है तो प्रतिवादी-अभियुक्तों पर कोई पूर्वाग्रह नहीं होगा।
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