N1Live National सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्‍ड के अल्फा-न्यूमेरिक नंबरों के खुलासे के खिलाफ औद्योगिक संघों की याचिका पर आउट-ऑफ-टर्न सुनवाई से किया इनकार (लीड-1)
National

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्‍ड के अल्फा-न्यूमेरिक नंबरों के खुलासे के खिलाफ औद्योगिक संघों की याचिका पर आउट-ऑफ-टर्न सुनवाई से किया इनकार (लीड-1)

Supreme Court refuses to hear out-of-turn plea of ​​industrial associations against disclosure of alpha-numeric numbers of electoral bonds (Lead-1)

नई दिल्ली, 19 मार्च । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनावी बॉन्‍ड के अल्फा-न्यूमेरिक नंबरों के खुलासे पर आपत्ति जताने वाले औद्योगिक संघों द्वारा दायर याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।

एसोचैम (एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया) और अन्य उद्योग संघों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के समक्ष आउट-ऑफ-टर्न सुनवाई के लिए हस्तक्षेप आवेदनों का उल्लेख किया।

इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “आपका आवेदन क्रमांकित नहीं है, यह पंजीकृत नहीं है। जो हंस के लिए सॉस है, वह गैंडर के लिए सॉस है! बोर्ड पर कोई आवेदन नहीं है। इसे प्रसारित होने दें, हम इससे निपटेंगे। सिर्फ इसलिए कि आप एक बड़े ग्राहक के लिए पेश हो रहे हैं, हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। आपको नियमों का पालन करना होगा।”

जवाब में, रोहतगी ने कहा कि यदि अल्फा-न्यूमेरिक कोड के डिस्‍क्‍लोजर पर निर्देश पारित किए गए तो आवेदन निरर्थक हो जाएंगे।

लेकिन सीजेआई ने कहा, “पूरी दुनिया जानती है कि इस मामले की सुनवाई हो रही है। आप फैसला सुनाए जाने के बाद आएं। आप एक ईमेल प्रसारित करें। हम अभी आपको नहीं सुनेंगे, क्योंकि हमारे पास बोर्ड पर एक खास आवेदन है। आप इस प्रक्रिया (तत्काल सुनवाई के लिए) का पालन करें। यदि मैं मुख्य न्यायाधीश के रूप में वरिष्ठ वकील रोहतगी के लिए ऐसा करता हूं, तो मेरे पास अन्य सभी कनिष्ठों को बताने के लिए कुछ नहीं होगा, जिनके बारे में मैं सुबह मौखिक तौर पर बताने से इनकार करता हूं। हंस के लिए सॉस क्या है यह गैंडर के लिए सॉस है!”

एसोचैम ने अपने आवेदन में कहा कि चुनावी बॉन्‍ड के अल्फा-न्यूमेरिक नंबरों के खुलासे से पता चल जाएगा कि किसी विशेष कंपनी द्वारा किस राजनीतिक दल को दान दिया गया है।

आवेदन में कहा गया है, “यह सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि ये खरीदारी गोपनीयता के वैधानिक आश्‍वासन पर थी। बॉन्‍ड के खरीदारों को गोपनीयता की वैध अपेक्षा थी और बॉन्‍ड की खरीद इस आश्‍वासन के आधार पर की गई थी।”

इसमें कहा गया है कि दानदाताओं की गोपनीयता बनाए रखने और किसी भी विरोधी राजनीतिक गुट या पार्टी द्वारा किसी भी प्रतिकूल स्थिति से बचाव के लिए गुमनामी की सुरक्षा महत्वपूर्ण है, जिसमें कॉर्पोरेट इकाई द्वारा निवेश नहीं किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को अल्‍फा-न्यूमेरिक कोड सहित चुनावी बॉन्‍ड से संबंधित सभी विवरणों का पूरा खुलासा करने का आदेश दिया है।

शीर्ष अदालत ने एसबीआई को गुरुवार को शाम 5 बजे तक हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया। यह संकेत भी दिया गया कि उसने चुनावी बॉन्‍ड के सभी विवरणों का खुलासा किया है जो उसके कब्जे में थे और डिस्‍क्‍लोजर से कोई भी जानकारी नहीं रोकी गई है।

Exit mobile version