January 30, 2025
National

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के खिलाफ बंगाल सरकार की याचिका की योग्यता पर फैसला सुरक्षित रखा

Supreme Court reserves verdict on merits of Bengal government’s plea against CBI probe

नई दिल्ली, 9 मई (आईएएनएस। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका की योग्यता पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया जिसमें राज्य सरकार की अनुमति के बिना केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के चुनाव बाद हिंसा के मामलों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करने को चुनौती दी गई है।

न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत दायर बंगाल सरकार की याचिका की योग्यता पर केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों की सुनवाई पूरी की।

पश्चिम बंगाल सरकार ने अपनी याचिका में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 का हवाला दिया और कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने जांच शुरू करने और एफआईआर दर्ज करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति नहीं ली है, जो इस कानून के तहत जरूरी है।

दूसरी तरफ, केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत के समक्ष तर्क दिया कि राज्य सरकार किसी भी मामले में सीबीआई जांच की अनुमति से इनकार करने के लिए निर्देश जारी नहीं कर सकती।

केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि राज्य सरकार हर मामले के लिए अलग-अलग अनुमति दे सकती है या अनुमति देने से इनकार कर सकती है, लेकिन उसे इसके लिए ठोस एवं उचित कारण भी बताना होगा।

सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद हिंसा के मामलों में कई एफआईआर दर्ज की हैं।

शीर्ष अदालत ने सितंबर 2021 में नोटिस जारी किया था। पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर पर शुरू जांच पर रोक लगाने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने सीबीआई को दी गई आम सहमति वापस ले ली थी और इसलिए केंद्रीय एजेंसी द्वारा दर्ज एफआईआर पर आगे कार्रवाई नहीं की जा सकती।

Leave feedback about this

  • Service