N1Live Himachal सुप्रीम कोर्ट ने जल उपकर वापसी पर राज्य सरकार को निर्देश देने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई
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सुप्रीम कोर्ट ने जल उपकर वापसी पर राज्य सरकार को निर्देश देने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई

Supreme Court stays High Court's order directing the state government on refund of water cess.

नई दिल्ली, 24 मई हिमाचल प्रदेश सरकार को बड़ी राहत देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें राज्य में जलविद्युत कंपनियों पर लगाया गया जल उपकर वापस करने को कहा गया था।

उच्च न्यायालय के 5 मार्च के फैसले के खिलाफ हिमाचल प्रदेश राज्य द्वारा दायर याचिका पर कार्रवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम और अन्य को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को तय की।

पीठ ने 17 मई के अपने आदेश में कहा, “संग्रहीत उपकर की वापसी के लिए आरोपित निर्णयों और आदेशों में दिए गए निर्देश अगले आदेशों तक स्थगित रहेंगे।”

यह स्थगन आदेश राज्य के लिए बड़ी राहत है, क्योंकि राज्य सरकार राज्य में 170 से अधिक जल विद्युत परियोजनाओं पर जल उपकर लगाकर सालाना लगभग 2,000 करोड़ रुपये अर्जित करना चाहती थी।

उच्च न्यायालय ने जलविद्युत विद्युत उत्पादन अधिनियम, 2023 पर हिमाचल प्रदेश जल उपकर के तहत जल विद्युत परियोजनाओं से वसूली गई राशि को चार सप्ताह में जल उपकर के रूप में वापस करने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने जलविद्युत उत्पादन पर जल उपकर के लिए राज्य सरकार और हिमाचल प्रदेश राज्य आयोग द्वारा बिजली उत्पादन कंपनियों को जारी किए गए नोटिस को भी खारिज कर दिया था।

हिमाचल प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और सिक्किम ने भी जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर लगाया है, जबकि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने इसे अवैध बताया है और दर्जनों बिजली उत्पादकों ने इसकी वैधता को चुनौती दी है।

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने जलविद्युत उत्पादन कम्पनियों पर लगाए गए जल उपकर को असंवैधानिक तथा राज्य की विधायी क्षमता से परे बताते हुए रद्द कर दिया था।

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