September 15, 2025
National

वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के कुछ प्रावधानों पर सुप्रीम रोक, जयराम रमेश ने कहा- संवैधानिक मूल्यों की जीत

Supreme Court stays some provisions of Wakf (Amendment) Act 2025, Jairam Ramesh said – victory of constitutional values

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह उन सभी सदस्यों की जीत है, जिन्होंने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में विस्तृत असहमति नोट दर्ज कराए थे।

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर आज सुप्रीम कोर्ट का आदेश न केवल उन दलों के लिए एक बड़ी जीत है जिन्होंने संसद में इस मनमाने कानून का विरोध किया था, बल्कि संयुक्त संसदीय समिति के उन सभी सदस्यों के लिए भी जिन्होंने विस्तृत असहमति पत्र प्रस्तुत किए थे, जिन्हें तब नजरअंदाज कर दिया गया था, लेकिन अब वे सही साबित हुए हैं। यह आदेश इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मूल कानून में निहित शरारती इरादों को दूर करने में काफी मददगार साबित होगा।”

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के वकीलों ने तर्क दिया था कि इस कानून के परिणामस्वरूप एक ऐसा ढांचा तैयार होगा जहां कोई भी व्यक्ति कलेक्टर के समक्ष संपत्ति की स्थिति को चुनौती दे सकेगा और ऐसे मुकदमे के दौरान संपत्ति की स्थिति अनिश्चित रहेगी। इसके अतिरिक्त, केवल पांच वर्षों से वकालत करने वाला कोई ‘मुस्लिम’ ही वक्फ को दान दे सकता है। इन धाराओं के पीछे की मंशा हमेशा स्पष्ट रही है- मतदाताओं को भड़काए रखना और धार्मिक विवादों को भड़काने वालों को शामिल करने के लिए एक प्रशासनिक ढाँचा तैयार करना।”

कांग्रेस नेता ने पोस्ट में आगे कहा कि इस आदेश के साथ, सुप्रीम कोर्ट ने कलेक्टर की शक्तियों पर रोक लगा दी है। इसके अलावा, मौजूदा वक्फ संपत्तियों को संदिग्ध चुनौतियों से बचाया और नियम बनने तक मुस्लिम होने के प्रमाण की आवश्यकता वाले प्रावधान पर 5 साल के लिए रोक लगा दी। हम इस आदेश का स्वागत न्याय, समानता और बंधुत्व के संवैधानिक मूल्यों की जीत के रूप में करते हैं।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई है। सीजेआई बी.आर. गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने वक्फ बनाने के लिए 5 साल तक इस्लाम का अभ्यास करने की अनिवार्यता वाले प्रावधान पर तब तक रोक लगा दी, जब तक कि संबंधित नियम नहीं बन जाते। इसके अलावा, अब कलेक्टर को प्रॉपर्टी विवाद पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं होगा।

अपने अंतरिम आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य वक्फ बोर्डों में तीन से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होने चाहिए, जबकि केंद्रीय वक्फ बोर्ड में चार से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे।

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