December 10, 2025
National

हल्द्वानी में बनभूलपुरा अतिक्रमण विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णायक फैसला आज, शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

Supreme Court to deliver final verdict on Banbhulpura encroachment dispute in Haldwani today, tight security arrangements in the city

उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र से जुड़े रेलवे अतिक्रमण मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट अपना अहम और निर्णायक फैसला सुनाने जा रहा है। करीब 29 एकड़ रेलवे भूमि पर बसे अतिक्रमण को लेकर पिछले कई महीनों से चल रही कानूनी प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है।

पूरे देश की निगाहें इस आदेश पर टिकी हैं, क्योंकि इससे न केवल स्थानीय लोगों का भविष्य तय होगा, बल्कि रेलवे भूमि प्रबंधन और अतिक्रमण मामलों पर भी एक बड़ा मिसाल स्थापित हो सकता है।

फैसले से पहले नैनीताल जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं। किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए आरपीएफ, रेलवे पुलिस, पीएसी, पैरामिलिट्री फोर्स और उत्तराखंड पुलिस को भारी संख्या में तैनात किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, बल को एलएमजी सहित आधुनिक हथियारों से लैस किया गया है ताकि कानून-व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में रहे।

सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक पूरे बनभूलपुरा क्षेत्र में कड़ी पाबंदियां लागू की गई हैं। इस दौरान लोगों की आवाजाही को सख्ती से मॉनिटर किया जा रहा है। पुलिस एरिया डोमिनेशन बढ़ाने के लिए लगातार फ्लैग मार्च कर रही है। पूरे शहर में सुरक्षा की स्थिति सामान्य बनी रहे, इसके लिए भारी पुलिस बल चौक-चौराहों पर तैनात है। प्रशासन ने बनभूलपुरा को ‘जीरो जोन’ घोषित कर दिया है, जहां किसी भी तरह की भीड़, सभा या अनधिकृत गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध है।

सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा मजबूत करने का निर्देश दिया गया है। संवेदनशील जगहों पर सघन चेकिंग, बैरिकेडिंग, पेट्रोलिंग और फ्लैग मार्च बढ़ाने को कहा गया। इसके साथ ही बीडीएस टीमों ने पूरे क्षेत्र में बम जांच और एंटी-सबोटाज ऑपरेशन भी शुरू कर दिए हैं, ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।

सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए सीसीटीवी निगरानी का दायरा भी काफी बढ़ा दिया गया है। बनभूलपुरा के गफूर बस्ती, लाइन नंबर 17 और आसपास की गलियों में लगभग 45 कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी लाइव मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से की जा रही है। पिछली बार हुई हिंसा में कुछ कैमरे क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिन्हें मरम्मत कर फिर से सक्रिय कर दिया गया है। रेलवे ने भी अपने परिसर और ट्रैक के पास करीब 25 कैमरे स्थापित किए हैं, जिससे स्टेशन और उसके आसपास की सुरक्षा पर कड़ी नजर रखी जा सके।

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