October 13, 2025
National

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

Supreme Court to hear plea against Sonam Wangchuk’s arrest today

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करने जा रहा है।

यह याचिका उनकी पत्नी गीतांजलि आंग्मो ने 2 अक्टूबर को दाखिल की थी। इसमें कहा गया है कि वांगचुक की गिरफ्तारी राजनीतिक कारणों से की गई है और इससे उनके मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। याचिका में उनकी तुरंत रिहाई की मांग की गई है।

सोनम वांगचुक को 24 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें राजस्थान के जोधपुर जेल में रखा गया है। उनकी गिरफ्तारी लद्दाख के लेह में हुई हिंसक घटनाओं के बाद हुई थी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजरिया की पीठ करेगी।

दूसरी ओर, लद्दाख प्रशासन ने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा है कि गिरफ्तारी पूरी तरह कानूनी आधार और पक्के सबूतों पर की गई है। प्रशासन ने इन दावों को “निराधार” करार दिया है और ज़ोर देकर कहा है कि गिरफ्तारी और संबंधित कार्रवाई विश्वसनीय जानकारी, दस्तावेजों और कानूनी आधार पर की गई थी।

प्रशासन ने कहा, “किसी को डराने-धमकाने या किसी को गुमराह करने का कोई सवाल ही नहीं है।” उन्होंने कानूनी प्रक्रिया को निष्पक्ष रूप से आगे बढ़ने देने का आग्रह किया।

प्रशासन ने यह भी जानकारी दी है कि वांगचुक के संस्थान ‘हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (एचआईएएल)’ की जांच चल रही है। आरोप है कि यह संस्थान बिना मान्यता के डिग्रियां बाँट रहा था, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ सकता था। साथ ही, विदेशी चंदे की जानकारी सही तरीके से वित्तीय दस्तावेजों में नहीं दी गई।

इसी तरह वांगचुक से जुड़े एक और संगठन ‘एसईसीएमओएल’ का एफसीआरए (विदेशी चंदा नियमन कानून) पंजीकरण भी कई नियमों के उल्लंघन के कारण रद्द कर दिया गया है।

प्रशासन ने यह भी आरोप लगाया है कि हाल के दिनों में वांगचुक ने अपने भाषणों और वीडियो में भड़काऊ टिप्पणियां की हैं, जिसमें नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश का उल्लेख करना और कथित तौर पर युवाओं को शांतिपूर्ण तरीकों के खिलाफ भड़काना शामिल है। एक वीडियो में उन्होंने “अरब स्प्रिंग” जैसी क्रांति और आत्मदाह का जिक्र किया था। प्रशासन का कहना है कि इन बयानों से युवाओं को भड़काने की कोशिश की गई।

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