N1Live National सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने न केवल पंजाब के राज्यपाल, बल्कि सभी राज्यों के प्रमुखों को लगाई फटकार : चिदंबरम
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने न केवल पंजाब के राज्यपाल, बल्कि सभी राज्यों के प्रमुखों को लगाई फटकार : चिदंबरम

Supreme Court's decision reprimands not only the Governor of Punjab but also the heads of all the states: Chidambaram

नई दिल्ली, 24 नवंबर । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि राज्यपाल की शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला न केवल पंजाब के राज्यपाल बल्कि सभी राज्यों के प्रमुखों और तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि के लिए कड़ी फटकार है।

एक्स पर एक पोस्ट में यूपीए सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने कहा, “राज्यपाल की शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला न केवल पंजाब के राज्यपाल, बल्कि सभी राज्यपालों के लिए कड़ी फटकार है।”

उन्होंने कहा, “तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को फैसले की हर पंक्ति पढ़नी चाहिए और अगर उन्हें यह जरूरी लगता है, तो फैसले को समझने के लिए एक सक्षम वरिष्ठ वकील को बुलाना चाहिए।”

उनकी टिप्पणी शीर्ष अदालत द्वारा पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को 19 और 20 जून को आयोजित “संवैधानिक रूप से वैध” सत्र के दौरान विधान सभा द्वारा पारित विधेयकों पर निर्णय लेने का निर्देश देने के बाद आई। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की शक्ति का उपयोग क़ानून बनाने की “सामान्य प्रक्रिया को विफल करने के लिए नहीं किया जा सकता है।”

अपने 10 नवंबर के फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में आप सरकार की याचिका पर फैसला सुनाया, इसमें आरोप लगाया गया था कि राज्यपाल विधानसभा द्वारा पारित चार विधेयकों पर अपनी सहमति नहीं दे रहे हैं।

पंजाब सरकार ने न्यायिक घोषणा की भी मांग की है कि 19 और 20 जून को आयोजित विधानसभा सत्र “कानूनी था और सदन द्वारा किया गया कार्य वैध है।”

फैसले में कहा गया, “राज्य के एक अनिर्वाचित प्रमुख के रूप में राज्यपाल को कुछ संवैधानिक शक्तियां सौंपी गई हैं। हालांकि, इस शक्ति का उपयोग राज्य विधानसभाओं द्वारा कानून बनाने की सामान्य प्रक्रिया को विफल करने के लिए नहीं किया जा सकता है।”

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राज्यपाल और चुनी हुई सरकार के बीच हो रही तकरार ”गंभीर चिंता” का विषय है.

न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा को मिलाकर गठित पीठ ने पूछा,”आप (राज्यपाल) इस निर्णय पर कैसे बैठ सकते हैं कि सत्र वैध रूप से स्थगित किया गया है या अन्यथा?”

इसने सवाल उठाया कि क्या संविधान के तहत राज्यपाल को यह निर्णय लेने का अधिकार क्षेत्र प्रदान करने वाला कोई प्रावधान मौजूद है कि क्या अध्यक्ष द्वारा सत्र ‘अमान्य’ रूप से बुलाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब के राज्यपाल विधिवत निर्वाचित विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों की दिशा को भटकाकर “आग से खेल रहे हैं”।

पंजाब राजभवन ने 19-20 जून को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर आपत्ति जताई थी।

सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023, पंजाब विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2023, पंजाब पुलिस (संशोधन) विधेयक, 2023, और पंजाब संबद्ध कॉलेज (सेवा की सुरक्षा) संशोधन विधेयक, 2023 अभी भी राज्यपाल की सहमतिप्रतीक्षा कर रहे हैं।

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