शिमला, 12 जून अनुभवहीन पर्यटक चालक तथा चालकों में शराब पीने की उच्च दर शिमला और किन्नौर जिलों के दूरदराज क्षेत्रों में दुर्घटनाओं और आकस्मिक मौतों के प्रमुख कारण बनकर उभरे हैं।
ये निष्कर्ष पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अतुल वर्मा के निर्देश पर शिमला और किन्नौर के दूरदराज क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं पर किए गए सर्वेक्षण के हैं। यातायात, पर्यटक और रेलवे इकाई (टीटीआर) ने यह सर्वेक्षण किया, जिसके दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी), टीटीआर, नरवीर सिंह राठौर ने शिमला में रामपुर तहसील और किन्नौर में सांगला-छितकुल क्षेत्र का दौरा किया।
सर्वेक्षण के दौरान, ए.एस.पी. ने दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों की पहचान करने के लिए स्थानीय टैक्सी चालकों, भारी मोटर वाहन चालकों और निजी वाहन चालकों से बातचीत की।
सर्वेक्षण से पता चला है कि कई पर्यटक इन क्षेत्रों में अपने स्वयं के वाहनों – जिसमें टैक्सी और मोटरसाइकिल शामिल हैं – से आते हैं। हालाँकि, उन्हें इस क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में ड्राइविंग का अनुभव नहीं है। इससे संकीर्ण और अंधे मोड़ों को पार करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटनाएँ होती हैं, जो घातक हो सकती हैं।
इसके अलावा, ड्राइवरों में शराब के सेवन की उच्च दर को भी इन क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं का एक अन्य प्रमुख कारण माना गया। सर्वेक्षण में दुर्घटनाओं के अन्य महत्वपूर्ण कारणों का भी विश्लेषण किया गया तथा इन मुद्दों के समाधान के लिए स्थानीय क्षेत्रीय अधिकारियों को परामर्श जारी किए गए।
इसी प्रकार, टीटीआर इकाई ने कुल्लू जिले में सड़क यातायात दुर्घटनाओं पर एक सर्वेक्षण किया, जिसमें मुख्य रूप से मनाली-रोहतांग और अटल सुरंग क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
राजकीय रेलवे पुलिस स्टेशन (कांगड़ा) के एसएचओ इंस्पेक्टर संदीप ने इन इलाकों का दौरा किया और ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल कर ट्रैफिक जाम का सर्वेक्षण किया। शिमला में टीटीआर यूनिट ने ड्रोन फुटेज का विश्लेषण किया और कुल्लू जिले के फील्ड अधिकारियों को सलाह जारी की।