यहां की सीबीआई अदालत ने निलंबित व्यक्ति द्वारा दायर जमानत याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को 18 दिसंबर को सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया है। पंजाब पुलिसडीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा चल रहा है। सीबीआई ने भुल्लर और उसके कथित सहयोगी किरशानु शारदा को 16 अक्टूबर को मंडी गोबिंदगढ़ के एक कबाड़ व्यापारी शिकायतकर्ता से एक पुरानी एफआईआर को निपटाने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था। 29 अक्टूबर को सीबीआई ने भुल्लर के खिलाफ मामला दर्ज किया।
निलंबित डीआईजी के वकील एसपीएस भुल्लर ने जमानत याचिका में कहा कि चूंकि सीबीआई पहली एफआईआर दर्ज होने के 60 दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल करने में विफल रही, इसलिए भुल्लर कानून के तहत जमानत के हकदार हैं। वकील ने तर्क दिया कि जमानत की अवधि पहली एफआईआर दर्ज होने की तारीख से गिनी जानी चाहिए, क्योंकि अनुपातहीन संपत्ति से संबंधित दूसरी एफआईआर पहली एफआईआर का ही परिणाम है।
केंद्रीय एजेंसी ने 3 दिसंबर को भ्रष्टाचार मामले में भुल्लर और शारदा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया, लेकिन वह आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रही है।
सीबीआई ने भुल्लर से जुड़े विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की और छापेमारी के दौरान बरामद संपत्तियों के आधार पर उनके और अज्ञात अन्य लोगों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया। सीबीआई ने दावा किया कि जांच के दौरान भारी मात्रा में नकदी, सोने के आभूषण, चांदी के गहने और 26 ब्रांडेड घड़ियां जब्त की गईं। अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए गए।


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