सतलुज और घग्गर नदियों के उफान पर होने के बीच आम आदमी पार्टी सरकार ने आज केंद्र पर पंजाब में बाढ़ से हुई भारी तबाही के प्रति आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया।
चीमा ने कहा, ‘‘रैलियां करने के बजाय, राज्य भाजपा नेतृत्व को पंजाबियों के लिए खड़ा होना चाहिए और अपने शीर्ष अधिकारियों से आपदा राहत के मानदंडों को बदलने का आग्रह करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि आप का हर नेता जरूरतमंदों की मदद के लिए जमीन पर है।
बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा गठित अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमें अभी तक यहाँ नहीं पहुँची हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह ने आज सुबह मुख्यमंत्री भगवंत मान को फ़ोन किया और उनसे बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देर शाम मान को फ़ोन किया। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा शुरू कर दिया है।
इस बीच, राज्य के अधिकांश भागों में लगातार बारिश से बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई है, तथा रोपड़ और लुधियाना दोनों ही बाढ़ की चपेट में हैं। रोपड़ में सतलुज नदी का जलस्तर एक लाख क्यूसेक तक बढ़ गया, जबकि लुधियाना में बुड्ढा नाला उफान पर था। रोपड़ और नवांशहर में भी सतलुज का उफान चिंता का विषय बन गया।
जैसे ही पानी दक्षिण की ओर हरिके की ओर बहने लगेगा, जहाँ सतलुज और व्यास का संगम होता है, अगले 48 घंटों में तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है। हरिके में पानी का प्रवाह 2.70 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में व्यास और रावी के जलग्रहण क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश के कारण आठ जिलों – गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर, फाजिल्का, कपूरथला और होशियारपुर में बाढ़ आ गई।
इसके अलावा, पिछले दो दिनों में घग्गर नदी में पानी का प्रवाह 45,343 क्यूसेक तक बढ़ गया है। नतीजतन, डेराबस्सी, पटियाला और मानसा में भारी नुकसान हुआ है।
डेरा बस्सी में 534 एकड़, पटियाला में 1,750 एकड़ और मानसा में 55,607 एकड़ ज़मीन पर लगी फ़सलें डूब गई हैं। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की कल रात और आज हुई आपात बैठक में राज्य सरकार ने साफ़ तौर पर कहा कि बांधों से अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ा जा सकता।