इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज की महिलाओं से बलात्कार के संबंध में की गई टिप्पणी पर दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख और राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल तथा केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की।
संसद की कार्यवाही में शामिल होने आई स्वाति मालीवाल ने यहां संसद भवन परिसर में आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी मेरी समझ से बिल्कुल गलत है। एक बच्ची के साथ इतना गलत किया गया, इलाहाबाद हाई कोर्ट उस पर यह कह रहा है कि यह रेप करने की कोशिश नहीं थी। तो फिर रेप करने की कोशिश क्या है? मेरी नजर में यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बयान है। इससे समाज में बहुत खतरनाक संदेश जाता है। सुप्रीम कोर्ट को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए।”
केंद्र सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा, “हम अदालत का सम्मान करते हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से जो टिप्पणी की गई है, वह कहीं से भी शोभा नहीं देती। इस वजह से बहुत से फैसले लिए गए हैं, इससे उस पर भी प्रभाव पड़ेगा। इससे गलत करने से लोगों की मानसिकताएं और बढ़ेंगी। हमें लगता है कि हाई कोर्ट को इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी से समाज में गलत संदेश जाएगा। रिश्तों पर भी इसका असर होगा।
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि नाबालिग लड़की के गुप्तांगों को स्पर्श करना और उसे पुलिया के नीचे खींचने को बलात्कार या बलात्कार की कोशिश नहीं माना जा सकता है। अदालत ने यह टिप्पणी एक 11 साल की बच्ची के साथ हुई घटना की सुनवाई के दौरान की और आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया।
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