खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीमों ने मंगलवार को यमुनानगर, जगाधरी और यमुनानगर जिले के अन्य शहरों में मिठाई की दुकानों और डेयरियों का निरीक्षण किया।
टीम ने खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर उन्हें जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित प्रयोगशाला में भेज दिया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. अमित चौहान ने बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन आयुक्त एवं उपायुक्त पार्थ गुप्ता के निर्देश पर टीमों ने कई लोकप्रिय दुकानों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि रादौर, व्यासपुर, सढौरा और छछरौली कस्बों की दुकानों से भी 50 नमूने लेकर प्रयोगशाला भेजे गए।
चौहान ने बताया, “विभाग का ध्यान दूध, दुग्ध उत्पादों और मिठाइयों पर केंद्रित था। निरीक्षण के दौरान, अधिकांश दुकानदार एफएसएसएआई लाइसेंस और पंजीकरण के साथ काम करते पाए गए।” उन्होंने बताया कि जिन दुकानों के पास लाइसेंस नहीं थे, उन्हें नोटिस जारी किए गए। नमूना लेने की प्रक्रिया में संबंधित एसडीएम और तहसीलदार भी टीमों के साथ थे।
पार्थ गुप्ता ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को मिठाई की दुकानों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए ताकि मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की गुणवत्ता, वजन और भंडारण की स्थिति की जांच की जा सके। उन्होंने कहा कि आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पार्थ गुप्ता ने कहा, “दिवाली और अन्य त्योहारों पर ग्राहकों की अधिक मांग के कारण, मिठाई विक्रेता अक्सर मिलावटी घी, दूध या अन्य नकली सामग्री का इस्तेमाल करने से नहीं हिचकिचाते।”
उन्होंने स्वच्छता, ताज़गी और खाद्य सुरक्षा मानकों का गहन निरीक्षण करने के निर्देश दिए और मिठाई विक्रेताओं को इन मानकों का पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने मिठाई विक्रेताओं से त्योहार के दौरान स्वच्छता, शुद्धता और गुणवत्ता बनाए रखने की भी अपील की। उपायुक्त ने कहा, “किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
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