शिमला, 17 जून हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह बरसात के मौसम की शुरूआत से पहले राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा अन्य सड़कों की अच्छी स्थिति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए, ताकि खाद्य, ईंधन आदि की आवश्यक आपूर्ति बनी रहे।
अदालत ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को ब्यास नदी के बीच से बड़ी चट्टानों और पत्थरों को हटाने के लिए कदम उठाने का भी निर्देश दिया, ताकि पानी का प्रवाह बाधित न हो और नदी का पानी बहकर आस-पास की सड़कों और संरचनाओं को नुकसान न पहुंचाए।
इसके अलावा, सरकार को नदी के किनारे रहने वाले समुदायों को खाली कराने के लिए पहले से ही कदम उठाने का आदेश दिया गया है, ताकि आने वाले बरसात के मौसम में जान-माल का नुकसान न हो। आदेश पारित करते हुए, अदालत ने मामले को 3 जुलाई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और सरकार को इस संबंध में उसके और एनएचएआई द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग-21 (कुल्लू-मनाली राजमार्ग) के संबंध में एनएचएआई द्वारा दायर ताजा स्थिति रिपोर्ट और राज्य पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद यह आदेश पारित किया। एनएचएआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई और अगस्त, 2023 में भारी बारिश के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई कुछ सड़कों पर जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है।
रिपोर्ट को पढ़ने के बाद, अदालत ने पाया कि “28 मई, 2024 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के मिनट्स, जिसमें एनएचएआईके अधिकारियों ने भी भाग लिया था, एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश करते हैं। मिनट्स से पता चलता है कि अध्यक्ष ने बताया था कि राष्ट्रीय राजमार्गों की बहाली के बाद, एनएचएआईने कुल्लू जिले के क्षेत्र से होकर बहने वाली ब्यास नदी के किनारे सुरक्षा कार्य के संबंध में कोई उपाय नहीं किया है।”
अदालत ने कहा कि “बैठक के मिनट्स में ड्रेजिंग के मुद्दे का भी उल्लेख है और ऐसा लगता है कि राज्य मशीनरी पर भरोसा किए बिना एनएचएआई द्वारा नदी तल से बोल्डर को हटाने का काम शुरू करने का फैसला लिया गया है, क्योंकि अत्यधिक नदी प्रवाह के कारण मानसून के मौसम में ड्रेजिंग करना उचित नहीं पाया गया और इस तरह की ड्रेजिंग केवल लीन सीजन के दौरान ही की जाएगी। यह अफ़सोस की बात है कि यह अभ्यास अक्टूबर 2023 और मई 2024 के बीच लीन सीजन के दौरान नहीं किया गया।”
अदालत ने राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य राज्य सड़कों के रखरखाव के मुद्दे पर एक जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया।
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