अमृतसर : तख्त पटना साहिब में ‘पंज प्यारों’ ने तख्त पटना साहिब के प्रबंधन बोर्ड के सदस्यों पर अकाल तख्त के फैसले को खारिज कर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जिससे अकाल तख्त की सर्वोच्चता पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
अकाल तख्त के कार्यवाहक प्रधान ग्रंथी बलदेव सिंह, वरिष्ठ ग्रंथी गुरदयाल सिंह, ग्रंथी परशुराम सिंह, ग्रंथी जसवंत सिंह और ग्रंथी अमरजीत सिंह पंज प्यारों ने अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ हुक्मनामा जारी किया है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह के निर्देशों को ‘अवैध और पक्षपातपूर्ण’ करार देते हुए उन्होंने कहा कि इससे तख्त पटना साहिब में शांति भंग हुई है। उन्होंने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त पटना साहिब में दो दिनों के भीतर अपना जवाब देने को कहा था।
उन्होंने अकाल तख्त में पटना साहिब प्रबंधन बोर्ड के सदस्यों को ‘समन’ करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह एक ‘असंवैधानिक’ और ‘अपमानजनक’ कदम है।
उन्होंने कहा कि तख्त पटना साहिब के अनुच्छेद 79 के अनुसार, तख्त पटना साहिब का प्रबंधन स्वायत्त था, क्योंकि गुरु की अवधि के बाद से तख्त पटना साहिब की अपनी ‘मर्यादा’ है और कोई अन्य तख्त इसके मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है या निर्देश पारित नहीं कर सकता है।
उन्होंने ‘तनखैया’ के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब तक ‘पंज प्यारे’ इस मामले को अकाल तख्त को नहीं सौंपते, तब तक किसी भी ‘बाहरी’ फैसले को वैध नहीं ठहराया जा सकता।
उन्होंने ज्ञानी बलदेव सिंह की क्षमता पर सवाल उठाने के लिए ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ नाराजगी भी दिखाई है, जिनकी तख्त पटना साहिब के ‘स्टॉपगैप’ जत्थेदार के रूप में नियुक्ति को पहले ‘पंज बानी पथ’ (धार्मिक प्रार्थना) पढ़ने के निर्देश के साथ रोक दिया गया था। ‘पंज प्यारे’ और अकाल तख्त के साथ एक वीडियो सबमिट करें।
अकाल तख्त के निर्देशानुसार तख्त पटना साहिब प्रबंधन बोर्ड के सदस्य छह दिसंबर को पांच महायाजकों के सामने पेश हुए थे.
इस बीच अकाल तख्त की सजा काट रहे तख्त पटना साहिब प्रबंधन बोर्ड के महासचिव इंदरजीत सिंह पर आज गुरुद्वारा परिसर में हमला किया गया. पता चला है कि जब इंद्रजीत सिंह सेवा कर रहे थे, तब पटना गुरुद्वारा परिसर के भीतर सिखों के एक समूह ने उन पर हमला किया था। इस घटना की वीडियो क्लिपिंग भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।