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तमिलनाडु सरकार को उत्तरी जिलों को शिक्षा के मामले में ‘अविकसित’ घोषित करना चाहिए : पीएमके

Tamil Nadu government should declare northern districts as 'underdeveloped' in terms of education: PMK

चेन्नई, 11 अगस्त । पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक नेता एस. रामदास ने रविवार को मांग की कि राज्य सरकार को उत्तरी जिलों को शिक्षा के मामले में ‘अविकसित’ घोषित करना चाहिए।

रामदास ने सरकार से उत्तरी तमिलनाडु में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए जिला आवंटन प्रणाली लागू करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु स्कूल शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु में दस हजार से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं और इनमें से अधिकांश रिक्त पद उत्तरी जिलों में हैं।

रामदास ने कहा, “इनमें से लगभग 72.32 प्रतिशत रिक्तियां तमिलनाडु के उत्तरी जिलों में हैं, जो चौंकाने वाली बात है। सरकार को 38 जिलों में से प्रत्येक के साथ समान व्यवहार करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि शिक्षकों को उनके संबंधित जिलों में नियुक्त किया जाना चाहिए और उनके तबादलों से बचना चाहिए। पीएमके संस्थापक ने कहा, “इससे शिक्षकों को अपने गृह जिलों में काम करने में मदद मिलेगी।”

2024 की तमिलनाडु राज्य बोर्ड की दसवीं कक्षा की परीक्षाओं में, तमिलनाडु के वेल्लोर, रानीपेट और तिरुवन्नामलाई जिलों में क्रमशः 82.07 प्रतिशत, 85.48 प्रतिशत और 86.10 प्रतिशत छात्र ही उत्तीर्ण हुए। इन जिलों को जिला प्रदर्शन सूची में 38वें, 37वें और 36वें स्थान पर रखा गया है।

स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन जिलों से 43,805 लड़कियों समेत कुल 82,484 छात्र परीक्षा में शामिल हुए। इन जिलों में सबसे ज्यादा 31,341 छात्र तिरुवन्नामलाई में शामिल हुए, इसके बाद वेल्लोर में 18,670, तिरुपत्तूर में 17,221 और रानीपेट में 15,174 छात्र शामिल हुए।

सामाजिक कार्यकर्ता और सेंटर फॉर पॉलिसी एंड डेवलपमेंट स्टडीज के निदेशक सी. राजीव ने आईएएनएस को बताया कि तमिलनाडु स्कूल बोर्ड की दसवीं कक्षा की परीक्षा के नतीजों पर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि तमिलनाडु के उत्तरी जिलों के छात्र किस स्थिति में हैं।

राजीव ने कहा, “उत्तरी जिलों में शिक्षकों की कमी के बारे में रामदास द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द उचित कदम उठाने चाहिए।”

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