तमिलनाडु के सलेम जिले के एडप्पाडी और आसपास के क्षेत्रों में रविवार रात तेज हवाओं के साथ हुई भारी बारिश ने व्यापक नुकसान पहुंचाया। इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल स्थानीय निवासियों के दैनिक जीवन को प्रभावित किया, बल्कि किसानों को भी गहरे संकट में डाल दिया।
तेज हवाओं के कारण क्षेत्र में करीब 2000 केले के पेड़ उखड़ गए, जिससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
एडप्पाडी शहर और इसके आसपास के इलाकों में कई घंटों तक बिजली आपूर्ति ठप रही, जिससे लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। भारी बारिश के कारण घरों में पानी घुस गया, सड़कें और गलियां जलमग्न हो गईं, जिससे आवागमन में बाधा उत्पन्न हुई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की बारिश और हवा ने उनके लिए अप्रत्याशित मुसीबत खड़ी कर दी। हालांकि, सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ा, जिनकी आजीविका पूरी तरह कृषि पर निर्भर है।
वीरपमपलयम पुधुर के किसान पलानीसामी और वीरपमपलयम अग्रहारम के किसान सेंगोथन को काफी नुकसान हुआ, क्योंकि तेज हवाओं के कारण 2000 केले के पेड़ उखड़ गए और नष्ट हो गए। इन्हें उम्मीद थी कि वे दो महीने में केले की फसल काट लेंगे, लेकिन नुकसान के कारण दोनों को 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
प्रभावित किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। पलानीसामी और सेंगोथन के अलावा, रामू जैसे अन्य किसानों ने भी प्रशासन से सहायता की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि इस आपदा ने उनकी आर्थिक स्थिति को पूरी तरह से हिला दिया है और वे अपने नुकसान से उबरने में असमर्थ हैं। क्षेत्र के कई अन्य किसानों ने भी फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकारी मदद की अपील की है।
किसान भारी बारिश और तेज हवाओं से हुए नुकसान के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं। क्षेत्र के कई अन्य किसान भी बारिश से प्रभावित हुए हैं और वे अपने नुकसान की भरपाई के लिए सहायता की उम्मीद कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन ने अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनकी स्थिति को समझेगी और शीघ्र सहायता प्रदान करेगी। इस घटना ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं के प्रति किसानों की असुरक्षा को उजागर किया है।